शिमला ! सीएम मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने डीसी और बीडीओ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग आयोजित की । प्रदेश के उपायुक्तों और खंड विकास अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हुए आज अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की सूची तैयार करें ताकि प्रदेश सरकार लाभार्थियों के साथ बेहतर समन्वय और संपर्क बनाए रख सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीओवीडी-19 महामारी ने हमें विभिन्न रणनीतियों को अपनाकर अधिक समर्पण के साथ काम करने के लिए मजबूर किया है ।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इस महामारी में बड़ी प्रतिबद्धता और जोश के साथ काम किया है। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि इस परीक्षण के समय में भी राज्य के सभी विकास कार्य निर्बाध रूप से चल रहे थे। जय राम ठाकुर ने कहा कि यह जरूरी था कि हम लाभार्थियों से लगातार बातचीत करें और विभिन्न योजनाओं के संबंध में उनकी फीडबैक लेने का तंत्र भी हो। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने बीडीओ को निर्देश दिया कि लाभार्थियों के संबंध में पंचायत स्तर पर विस्तृत डाटाबेस तैयार किया जाए ताकि एक बटन के एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण में राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत और हिमकेयर, उज्जवला योजना और गृहणी सुविधा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना जैसी आवासीय योजनाओं, भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड, आशा कार्यकर्ताओं, प्रधानमंत्री किशन सम्मान निधि, सामाजिक सुरक्षा लाभार्थियों जैसी योजनाओं के लाभार्थी, सहारा योजना का निर्णय लिया है। , जनधन योजना आदि। जय राम ठाकुर ने कहा कि इन योजनाओं के लाभार्थियों की सूची पंचायतों को अवश्य उपलब्ध कराई जाए और उनके पास आसानी से उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि इन सभी सूचियों को 10 फरवरी तक पंचायतों के पास उपलब्ध करा दिया जाए।
उन्होंने बीडीओ को निर्देश दिए कि लाभुकों के मोबाइलों में लोड वेबेक्स सॉफ्टवेयर प्राप्त करें और इसके उपयोग के संबंध में उन्हें प्रशिक्षित भी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में डिस्प्ले पैनल लगाए जाएं ताकि उनके द्वारा आयोजित किए जा रहे वीडियो कांफ्रेंस को आम जनता के लिए प्रदर्शित किया जा सके । मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि इनमें से अधिकांश योजनाएं डीबीटी आधार हैं, इसलिए लाभार्थियों के आधार नंबर की मदद ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि हालांकि किसी ई-पास की जरूरत नहीं थी, लेकिन फिर भी राज्य में प्रवेश के लिए पंजीकरण की जरूरत है ।
उन्होंने कहा कि इससे संगरोध के नियम में कोई बदलाव नहीं होता क्योंकि लाल क्षेत्रों से राज्य में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को संगरोध में रखा जाएगा । इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव डॉ आरएन बाटा, सचिव ग्रामीण विकास डॉ संदीप भटनागर, निदेशक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज ललित जैन मौजूद रहे।