मंडी ! लेखराज राणा ने कहा कि भारत के साथ विश्व कोरोना महामारी से जुझ रहा है। ऐसे में तब्लीकी जमात से निकले लोगों में पहले संक्रमण फैल गया लेकिन अब जानबूझ कर जमाती संक्रमण फैला रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि इन जमात के लोगों की मानसिकता ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आय के अच्छे साधन वाले मंदिरों का अधिग्रहण किया गया है और उनका पैसा भी अपने हिसाब से खर्च कर रही है। लेकिन दूसरी तरफ मस्जिदों और चर्चों पर सरकार की कोई नजर नहीं है। लेखराज राणा ने कहा कि सरकार वर्तमान में धर्म विशेष को स्पेशल स्टेटस दे रही है। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद समाज की आवाज बनकर खड़ी है।
उन्होंने कहा कि मंदिर के ऊपर अधिग्रहण की तलवार लटका कर मस्जिदों और चर्चों को खुले छोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार मस्जिदों व चर्चो का अधिग्रहण नहीं कर सकती तो मंदिरो को भी जनता के हवाले कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड बहुत जरूरी हो गया है। लेखराज राणा ने लोगों सहित मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्ग से भी निवेदन किया है कि वह इस बारे में जरूर चर्चा करें और सरकार के सामने समाज में एक सामान नागरिक संहिता होने की बात रखे।
उन्होंने कहा कि जब तक देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं होता तब तक कट्टरपंथी लोग इसकी आड़ में मदरसों के अंदर नाजायज फायदा उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथीयों द्वारा मदरसों के अंदर समुदाय विशेष को लेकर जहर घोला जा रहा है। इस कारण हिंदू समाज के लोगों ने भी उन्हें अल्पसंख्यक स्टेटस देने की मांग की जा रही है। लेखराज राणा ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के मदरसों के अंदर धार्मिक शिक्षा दे सकते हैं। लेकिन हिंदू के किसी भी स्कूल के अंदर धार्मिक शिक्षा नहीं पढ़ाई जा सकती।
उन्होंने कहा कि सरकार से पहले भी मांग की गई थी और देश के सांसदों के सामने विश्व हिंदू परिषद इस बात को रखा था कि पूरे प्रदेश के अंदर एक प्रकार की शिक्षा व एक सामान कानून होना चाहिए। सभी स्कूलों व मदरसों के अंदर आधुनिक शिक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो मंदिरों का अधिग्रहण सरकार द्वारा किया गया है इसी तर्ज पर शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को खारिज कर इनका अधिग्रहण करें,जिससे इनका पैसा भी समाज की भलाई के लिए लग सके।