शिमला ! कारोना काल मे संक्रमण मुश्किलों के बीच मे अपराधियों ने भी पेश की जनता और समाज कें लिये अलग तरह की चुनौती। साईबर ठगी करने वालों ने आपदा को अवसर में बदलने का शुरू किया गोरखधंधा। आम पैसों और आर्थिक अपराध से लेकर महामारी में जीवन रक्षक दवाईयों , ऑक्सीजन सिलेंडर और वैक्सीन दिलवाने जैसे हथकंडों के ज़रिए पेश कर रहे चुनौती।
महामारी के संकट के बीच पीड़ित मानवता को आपदा के साथ इसमे अवसर तलाश रहे अपराधियों से भी चुनोती मिल रही है। संकट के इस दौर में जब जीवन बचाने की जद्दोजहद से पार पाना मुश्किल हो गया है ऐसे में साईबर अपराधियों ने एक तरफ से और मोर्चा खोल दिया है। अपराधी तरह तरह की तकनीक का गलत इस्तेमाल कर लोगों को अपना शिकार बना रहे है।
आलम ये है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लुभवाने प्रलोभन देकर लोगों को अपना शिकार बना रहे है। इतना ही नही कारोना काल मे जब जीनन कि जद्दोजहद से मानवता दो चार है ऐसे में साईबर अपराध से जुड़े शातिर महज कुछ पैसों के लिए जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर धोखाधड़ी कर लूटने के धन्धे में लगे हुए है।
हिमाचल में फिलहाल ऑक्सीजन और दवाओं को लेकर किसी को ठगा तो नही है लेकिन इस तरह की शिकायतें साईबर क्राईम विभाग के पास मिली । स्टेट साईबर क्राईम के पुलिस अधीक्षक सन्दीप धवल ने कहा कि हिमाचल में भी कारोना काल मे जब ज्यादातर लोग घरों के भीतर कैद है ऐसे में साईबर ठगी से जुड़े लोग इस मौके को लोगों को अपना शिकार वनाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने में लगे है।
स्टेस्ट साईबर सेल ऐसे शातिरों पर लंबे समय से लगातार निगरानी रखे हुए है लेकिन फिर भी अगर किसी को कोई इस तरह से षड्यंत्र का शिकार बनाने में सफल हो जाये तो तुरंत साईबर सेल को इसकी जानकरी उपलब्ध करें । विभाग 12 से 48 घण्टोंके हुई घटना का आसानी से पता लगाने में सफल हो सकता है और ठगी की राशि य्या सामान वापिस दिलवा सकता है।