कुल्लू ! वन अधिकार कानून 2006 की जानकारी के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन !

0
3222
- विज्ञापन (Article Top Ad) -

कुल्लू !  बंजार उपमंडल मे वन अधिकार कानून 2006 की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हिमालय नीति अभियान द्वारा किया गया, कार्यशाला में 28 वन अधिकार समितियों के 60 से अधिक प्रधान और सचिवों ने भाग लिया । कार्यशाला में वन अधिकार कानून जो वर्ष 2006 में सरकार द्वारा पारित किया गया, लेकिन आज 15 वर्षों के बाद भी लोग इस कानून की प्रक्रिया से अनभिज्ञ है हैं, इस कानून के बारे में अभी भी कई तरह की भ्रातियां लोगों के जहां में कुछ लोगों द्वारा फैलाई जाती रही हैं, ज्यादातर वन विभाग इस कानून के बारे ज्यादा भ्रांतियां जमीनी स्तर पर उनके कर्मचारियों द्वारा फैलाई जाती रही हैं !

- विज्ञापन (Article inline Ad) -

कार्यशाला में कई प्रतिभागियों ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी उन्हें बार बार बता रहे हैं कि यह कानून खत्म हो गया है। प्रश्नों को जवाब देते हुए राजेंद्र चौहान ने बताया कि इस तरह की भ्रातियां वन विभाग के उपयुक्त अफसरों को अपने स्तर पर विभाग के कर्मचारियों को कानून के बारे में सही जानकारी और दिशा निर्देश देने की आवश्यकता है, ताकि कानून के बारे में फैलाई जा थी भ्रातियां को रोका जा सके !

कार्यशाला में राजेंद्र चौहान ने लोगों को कानून के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जिसमे कानून के अनुरूप चार तरह के अधिकारों के बारे में बताया, जिसमे व्यक्तिगत, सामुदायिक, सरंक्षण और प्रबंधन तथा विकास के अधिकार को प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या है और कैसे प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राजस्व विभाग, वन विभाग से वाजीबुल अर्ज़ , नक्शा हक बर्तन, कंपार्टमेंट हिस्ट्री शीट, आदि को इक्कठा करने, वन अधिकार समितियों के कार्य, वन अधिकार समितियों की ग्रामसभा के कार्य, करके उपमंडल स्तर की समिति को दावे जमा करवाने तथा उसके बाद की प्रक्रिया के बारे में बताया ।
हरी सिंह ने बताया कि पहले भी लगभर 60 वन अधिकार समितियों के दावे उप मंडल स्तर की समिति के पास जमा किया गए है, उनमें से समिति ने कुछ दावों पर अपनी आपतिया दर्ज की हैं जिनके बारे में भी वन अधिकार समितियों के साथ बैठकें की जा रही है ज्यादातर आपतियां तो वन विभाग और राजस्व विभाग के दस्तावेजों से सम्बन्धित है जिनके बारे में दोनों विभागों से इन कमियों को दूर करने के लिए बैठक की जा चुकी हैं !

इस बैठक मे रमा ठाकुर ने लोगों को फार्म ख व ग भरने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया, उन्होंने वन अधिकार समिति के सदस्यों को सामुदायिक वन अधिकारों के लिए ग्रामसभा के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका को सुनिश्चित करने व सामुदायिक दावों को तैयार करने के बारे में जानकारी भी दी।। कार्यशाला में खावल वार्ड की वार्ड समिति की सदस्य प्रेमला ठाकुर ग्राम पंचायत पलाहच के प्रधान कृष्ण देव ग्राम पंचायत पेखड़ी से उपप्रधान वीरेंद्र सिंह वृकमु नेगी ग्राम पंचायत तुंग के प्रधान घनश्याम लाल आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे !

कार्यशाला में पूर्व ब्लॉक समिति सदस्यों ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वो अपने अपने क्षेत्र के ब्लॉक समिति सदस्यों को पहले ही इस कानून के बारे में अवगत करवाएं क्यूंकि ब्लॉक समिति बंजार के पूर्व सदयों को इस कानून की जानकारी आखिरी वर्ष ही मिली जिसका नुकसान इस क्षेत्र के समुदायों को हुआ। उन्होंने नए सदस्यों से अपील भी की कि सदस्य स्वयं भी इस कानून के बारे में जानकारी प्राप्त करें ताकि इस कानून को जमीनी स्तर पर लागू करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें !

कार्यशाला में संदीप मिन्हास हिमालय नीति अभियान के राज्य सचिव ने प्रतिभागियों को हिमालय क्षेत्र में विकास की अवधारणा और वन अधिकार कानून का महत्व क्या है, उन्होंने बताया कि मौजूदा हालत में जब लोगों के पास निजी जमीन धीरे धीरे आपस मे बंटवारे की वजह से सीमित होती जा रही हैं, इसके साथ ही आज रोजगार के साधन लगातार कम और सीमित होते जा रहे हैं तो ऐसे में बिना जंगल की भूमि के सार्थक उत्पादन के हिमालय क्षेत्र में लोगों। के विकास के बारे में नहीं सोचा जा सकता है, उन्होंने बताया कि यह कानून हिमाचल प्रदेश के लाखों परिवारों को जहां जीविका के साधनों की उपलब्धता करवाता है वहीं हिमालय के पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने की क्षमता रखता है।

उन्होने आगे बताया कि कैसे पर्यटन के सामुदायिक उद्योग की कैसे जंगलों के सामुदायिक पहाह के संरक्षण के माध्यम से विकसित किया जा सकता है और कैसे हिमालय क्षेत्र ही पूरी दुनिया के लिए अद्भुत प्राकृतिक क्षेत्र के रूप में विकसित हो सकता है। उन्होने यह भी बताया कि राज्य सरकार के जनजातीय विकास विभाग ने पहल करके वन अधिकार कानून के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए प्रचार सामग्री भी तैयार की गई है जिसमें एक वन अधिकार कानून 2006 पर मार्गदर्शिका एवम् कुछ पोस्टर बनाए हैं जिनकी प्रतिभागी एवम् अन्य सभी लोग विभाग की वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं । हिमालय नीति अभियान जिला प्रदेश भर इस कानून को जमीनी स्तर पर सरकार का सहयोग करते हुए लागू करने में समुदायों के साथ मिल कर काम कर रही है।

- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

पिछला लेखशिमला ! विभिन्न पदों के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा – एचपीपीएसी !
अगला लेखकुल्लू ! गीत संगीत कला मंच बंजार के कलाकार कर रहें हैं लोगों को जागरूक !