चंबा ! बागवानों की समस्याओं के समाधान को लेकर अधिकारी दें तुरंत प्रतिक्रिया।

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चंबा ! उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने आज यहां बताया कि लॉक डॉन अवधि के दौरान चंबा जिला में बागवानों को अब तक 11 लाख 87 हजार रुपए की अनुदान सहायता राशि मुहैया की जा चुकी है। लॉक डाउन में बागवानी विभाग के अधिकारियों का एकमात्र लक्ष्य बागवानी से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ बागवानों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग एक विशेष कार्य योजना के तहत काम करते हुए बागवानों की सभी समस्याओं और शंकाओं का समाधान तुरंत प्रतिक्रिया दे कर प्राथमिकता के आधार पर करे।

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विवेक भाटिया ने कहा कि बागवानी विभाग को ये हिदायत भी दी गई थी कि वे खुम्ब उत्पादकों को भी उनकी फसल को मंडी तक पहुंचाने में विभाग आवश्यक मदद दे। इस अवधि में खुम्ब उत्पादक द्वारा करीब 70 क्विंटल खुम्ब उपभोक्ताओं तक पहुंचाई गई। बागवानों को उनकी जरूरत और मांग केेेे अनुरूप  कर्फ्य पास भी जारी किए गए ताकि उन्हें बगीचों में आवश्यक कार्य निपटाने में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।

उपायुक्त ने कहा कि चंबा जिला का काफी क्षेत्र बागवानी के तहत आता है और बागवानी वहां की आर्थिकी का बहुत बड़ा आधार भी है। विवेक भाटिया ने कहा कि चंबा जिला में कृषि और पशुपालन के अलावा बागवानी क्षेत्र भी विशेष तौर से ग्रामीण आर्थिकी का बहुत बड़ा आधार है। बागवानी विभाग को इसी के मद्देनजर सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि सभी पात्र बागवान योजनाओं से लाभान्वित हो सकें।

उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि बागवानी विभाग उद्यान विकास योजना के तहत पावर टिलर मुहैया करने के अलावा पुष्प क्रांति योजना में पुष्प उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी सहायता राशि उपलब्ध करता है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश कृषि योजना के तहत बागवानों को बागवानी के औजार अनुदान पर दिए जाते हैं।

मधुमक्खी पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए मुख्यमंत्री मौन पालन योजना में भी बागवानों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं। बागवानी विभाग ओला अवरोधक जाली लगाने के लिए भी अनुदान राशि उपलब्ध करता है।

बागवानी विभाग द्वारा सेब और अन्य फल पौधों के बेहतर स्वास्थ्य और अच्छी क्वालिटी के फल लेने के लिए जिले के सभी सरकारी पौध संरक्षण केंद्रों के माध्यम से बागवानों को सरकारी अनुदान राशि पर दवाइयां भी वितरित की गई।

उपायुक्त ने बागवानों का आह्वान करते हुए कहा कि जिला में फलों की पैदावार के साथ-साथ पुष्प उत्पादन की भी बहुत बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। बागवानों को पुष्प उत्पादन की ओर भी अपना रुझान बढ़ाना चाहिए ताकि वे फूलों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकें।

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