कुल्लू ! लॉकडाउन के कारण जो तबका सबसे अधिक प्रभावित हुआ या हो रहा है वो है प्रवासी मजदूर। एक शहर या राज्य के मजदूर दूसरी जगहों पर फंसे हुए हैं। कई खबरें सामने आई जिनमें ऐसे मजदूर कई तरह की परेशानी का सामना कर रहे हैं। मगर ऐसे समय जब प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के दौरान शिलांग जैसे दूर-दराज इलाकों में फंसे हुए हैं तो हाथ में पीओएस मशीन और आधार-प्रमाणित पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले डाककर्मियों ने सुनिश्चित किया कि उन्हें उनके डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर पैसे मिलते रहें।
डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर सरकार की तरफ से भेजा जाने वाला पैसा है, जो विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है। मगर समस्या है ये है कि लॉकडाउन के बीच दूर-दराज वाले इलाकों में पैसा निकाल पाना भी मुश्किल है। ऐसे में लाभार्थियों के लिए काम पोस्ट ऑफिस कर्मचारियों ने किया।
कोरोना को लेकर लगे कर्फ्यू के दौरान मंडी डाक मंडल के सेवक जन सेवा में डटे हुए हैं। डाक सेवक पेंशन धारकों को घर-घर जाकर पेंशन दे रहे हैं। मंडी डाक मंडल में अभी तक 90000 से अधिक लाभार्थियों को उनके घरद्वार सामाजिक सुरक्षा पेंशन वितरित की जा चुकी है। जल्द ही अन्य पेंशनधारकों को भी पेंशन दी जाएगी।एईपीएस माध्यम से न केवल डाकघर बचत खाता धारकों, बल्कि जिन ग्राहकों के खाते बैंकों में हैं, उन्हें भी घरद्वार धन निकासी की सुविधा प्रदान की जा रही है।