सिरमौर ! कभी पांच सितारा होटलों की शान बढ़ाने अतिथियों के स्वागतम के दौरान भेंट किए जाने वाले बुके भगवान व नेताओ के गले मे डलने वाली मालाओ में प्रयोग किए जाने वाले फूलों की भी करोना ने बूरी हालत कर दी है यहा फूल उत्पादको ने अब इन फूलो को गौबर के ढेरो मे फेकना आरंभ कर दिया है क्युकि मार्किट तो बंद पडी है और अभी 15 अप्रैल तक बंद ही रहनी फूल उत्पादकों को प्रदेश के बाहर मंडियों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के प्रति किए गए लॉक डाऊन के चलते उठाना पड़ भारी नुकसान पूरे देश में एक ओर जहां सारा देश कोरोना वायरस के बचाव को लेकर सभी लोग एकजुट हैं।
दूसरी ओर अपने ग्रीन हाउस में फूलोंं की पैदावार करने वाले किसानों के फूल नहीं बेच पा रहै है जिससे इन किसानों को लाखों रूपये का नुकसान होना शुरू हो गया है। इसी के चलते जिले राजगढ के फूल उत्पादक किसानों ने अपने ग्रीन हाउस में पैदा हुए लाखों रूपये के फूलोंं को गोबर के ढेरो मे फैंक दिया। फूल उत्पादक किसान विक्रम ठाकुर का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते इन दिनों न तो फूलों को बाहर भेजा जा रहा है और न ही उन्हें फूलों के खरीददार मिल पा रहे हैं।
विक्रम ठाकुर का कहना है कि इन दिनो फूलो के सबसे अच्छे दाम मिलते है और फूलो का मैन सीजन भी यही है इन दिनो उनके ग्रीन हाऊस मे प्रति सप्ताह लगभग 250 से 300 बंच का उत्पादन होता है और इन दिनो एक बंच का रेट लगभग 150 से 200 रूपये प्रति बंच है यानि उन्है प्रति सप्ताह लगभग 60 हजार रूपये की हानि हो रही है और आने वाले समय मे यह हानि लाखो रूपये मे जा सकती है ।