चम्बा ! आर्थिक समृद्धि के परिपेक्ष्य में भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार ने ऊंची दुकान फीका पकवान की कहावत को आज सच साबित कर दिया है और रही सही कसर भी आने वाले दिनों में पूरी हो जाएगी। चम्बा में एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए ब्लाक कांग्रेस कमेटी चम्बा के अध्यक्ष करतार सिंह ठाकुर ने गिरती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए केंद्र सरकार के गलत नीतियों के जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा कि बिना सोचे विचारे केंद्र की एनडीए सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं जिनकी भरपाई आने वाले लम्बे समय तक आम जनता को अपनी जेब से करनी पड़ेगी। उन्होंने केंद्र सरकार की गलत मंशा पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जब कि सभी को पता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे पैट्रोलियम तेल की कीमतों में प्रति बैरल प्रति डॉलर काफी कमी है। लेकिन इसके बावजूद केंद्रीय सरकार भारत में पैट्रोल व डीजल की कीमतों को निरंतर बढ़ाती जा रही है। उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2014 में यूपीए सरकार ने सत्ता छोड़ी थी तब लोगों को 61 रूपये प्रतिलीटर के हिसाब से पैट्रोल व 48 रूपये की दर से डीजल मिलता था। लेकिन भाजपा नेतृत्व की एनडीए सरकार ने मात्र 7 वर्षों में ही डीजल पैट्रोल की कीमतों में वृद्धि करके मंहगाई का शतक लगा दिया है।
वहीं उन्होंने कहा कि जब यूपीए सरकार में आंशिक वृद्धि पर घरेलू गैस के दाम बढ़ जाते थे तो पूर्व मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी गृहणियों की आवाज मुखर करने व घर के बजट का दुहाई देने के लिए सड़कों पर उतर आती थीं। लेकिन आज जब घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत भी एक हजार रूपए के पार हो गई है तो क्या उनको कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।
वहीं उन्होंने कहा की उज्ज्वला योजना व मुख्यमंत्री गृहणी योजना के तहत जो मुफ्त के गैस सिलेंडर व चूल्हे हिमाचल सरकार ने बांटे थे तो क्या प्रदेश की बीपीएल श्रेणी से ताल्लुक रखने वाले परिवार उन पर दोबारा भोजन पका सकेंगे। उन्होंने प्रदेश सरकार पर तंज कहते हुए कहा कि सरकारी खजाने व सरकारी तंत्र का उपचुनावों से पहले लाभ उठाने का फार्मूला भाजपा सरकार की ही ईजाद है।
लोगों को अन्न योजना के तहत 5 किलो मुफ्त अनाज दिया गया है तो प्रदेश सरकार बताए कि लोग 5 किलो अनाज को 1000 रूपये के गैस सिलेंडर में पकाएंगे।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि पैट्रोल व डीजल के अलावा घरेलू गैस की कीमतों को घटाने के लिए सरकार को वैट टैक्स में कटौती करनी चाहिए ताकि मंहगाई पर नियंत्रण लग सके।
वहीं उन्होंने कहा कि सरकारी उचित मूल्य की दुकानों में भी मिलने वाले सरसों के तेल रिफाइंड तेल व चीनी की कीमतों में कमी करनी चाहिए ताकि त्यौहारी सीजन में प्रदेश के लोग राहत की सांस ले सकें। वहीं केंद्र की सरकार को मंहगाई से निपटने के लिए पैट्रोलियम उत्पादों को जल्द से जल्द जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए।