शिमला ग्रामीण के सुन्नी निवासी वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ता तेजराम शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि जयराम सरकार ने केंद्रीय सरकार के दबाव के चलते विवेकहीन निर्णय लेकर पर्यटकों एवं आम जनमानस के लिए हिमाचल की सीमाओं को खोल कर न केवल प्रदेशवासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया है अपितू अपरिपक्व, कुशासन का परिचय दिया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जयराम सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये से प्रदेश के अंदर विश्वव्यापी महामारी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। हिमाचल प्रदेश के अंदर इस महामारी से निपटने के पर्याप्त संसाधन नही है, पीपीई कीट, वेंटिलेटर , स्वास्थ्य उपकरणों इत्यादि खरीद में भारी अनियमितताएं व गड़बड़झाला सामने आया है। जिसके चलते प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग सन्देह के घेरे में आ गया है।
जयराम सरकार ने बिना सोचे समझे, जल्दबादी मे प्रान्त की सीमाओं को कोविड-19 के टेस्ट किये बगैर प्रयटकों, आम जनमानस के लिए खोल दिया है, जिससे प्रदेश के अंदर कोविड-19 का सक्रमण तीव्रता से फैल रहा है व प्रदेशवासियों को जान का खतरा बना हुआ है तथा सरकार इससे बेपरवाह है। सरकार को अभी भी समय रहते प्रदेश के बैरियर सील कर देने चाहिए और प्रदेश के अंदर स्वास्थ्य सुविधा के पुख्ता इंतजामात करने की नितान्त आवश्यकता है। विषयोप्रोक्त संदर्भ मे सभी वरिष्ठ कांग्रेसी धनी देवी गौतम, हीरामणि भारद्वाज, योगराज गुप्ता, कपिल गुप्ता, राजेन्द्र गुप्ता, प्रदीप शर्मा, हरि सिंह हैरी, मोना भारद्वाज इत्यादि ने समर्थन किया है।