चम्बा ! कोरोना संक्रमण का असर प्रदेश की मासूम जनता पर थोंप दिया जा रहा है। बस किराया बढ़ाने के साथ बिजली भी महंगी हुई है। सरकार ने हाल ही मेंं हिमाचल में 30 पैसे से लेकर एक रुपये तक बिजली की दरें बढ़ा दी हैं।
बिजली पर सब्सिडी देने के बजाय, विद्युत नियामक आयोग ने नई दरें जारी कर दी हैं। चंबा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करतार सिंह ठाकुर ने प्रैस ब्यान जारी करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संकट में आर्थिक संकट से जूझ रही जनता की मदद करने की बजाय प्रदेश सरकार उनकी परेशानियों को और बढ़ा रही है। प्रदेश सरकार ने किराए में एकमुश्त 25 प्रतिशत की वृद्धि का निर्णय लेकर लाकडाउन पीडितों के जख्मों पर नमक छिड़काव किया है। ढाई वर्षों के शासन दौरान भाजपा सरकार द्वारा बस किराये में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम बस किराया भी तीन से बढ़ाकर सात रुपये कर दिया गया है। बेहतर होता कि बस किराया बढ़ाने की बजाय सरकार डीजल के दाम कम करवाने का प्रयास करती। केजरीवाल सरकार की तरह 8.50 प्रति लीटर सब्सिडी देती। बस किराया वृद्धि का सबसे ज्यादा असर प्रदेश के गरीब वर्ग को पड़ा है। जो यातायात के लिए बस सुविधा पर निर्भर है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट एवं अन्य कानून और नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में इन नियमों और कानूनों की, भयंकर कोरोना महामारी के बावजूद कोई अहमियत नहीं रह गई है। कायदे कानून तो केवल विरोधियों एवं आम जनता को परेशान करने के लिए रह गए हैं। सत्तारूढ़ दल के मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायक तो ढोल धमाकों के साथ मीटिंगें भी कर रहे हैं और रैलियां भी निकाल रहे हैं। उन पर शारीरिक दूरी जैसी कोई पाबंदी नहीं। हाल ही में हुए एचआरटीसी चंबा डिपो में 30 लाख के घपले, भाजपा सरकारें घपलों, घोटालों व भ्रष्टाचार की सरकारें हैं।
पूंजीपतियों की सरकारें हैं जिनका कि आम आदमी से वोट लेने के अतिरिक्त कोई सरोकार नहीं। सूचना और प्रौद्योगिकी के इस काल में सिस्टम को इतना पारदर्शी बनाया जाए जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश ही न रहे। करतार ठाकुर ने प्रदेश सरकार को सख्त अंदाज में चेताते हुए कहा कि बढ़े हुए किराए व बिजली के बिलों को वापस ले सरकार। रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ती हुई महंगाई पर नियंत्रण करें, अन्यथा जनता व कांग्रेस पार्टी के आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहें।