मुख्यमंत्री शहरी अजीविका गारंटी रोजगार प्रदान करने की नई पहल !

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फाइल चित्र
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शिमला ! कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया के लिए कई चुनौतियां पेश की हैं। भारत भी इस बीमारी से लड़ रहा है। कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। राज्य सरकार कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए शारीरिक दूरी को प्रोत्साहित कर रही है। संकट के इस समय में बहुत से लोगों ने इस बीमारी के कारण अपनी आजीविका खो दी है और अपने मूल राज्य की ओर रूख किया है।

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राज्य में 25 अप्रैल, 2020 से लेकर अब तक 1.40 लाख लोग वापस आ चुके हैं और लोग अभी भी आ रहे हैं। राज्य सरकार ने इन पेशेवर लोगों की क्षमता का दोहन करने का निर्णय लिया है, जिससे राज्य की श्रमशक्ति में भी बढ़ौतरी होेगी। कफ्र्यू के इस समय में भ्रम और अनिश्चितता को देखते हुए, राज्य सरकार लोगों के लिए एक लाभकारी योजना आरंभ कर लोगों को सुरक्षित रखने की तैयारी में बहुमूल्य योगदान दे रही है। शहरी क्षेत्र में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री शहरी अजीविका गारंटी योजना शुरू की गई है, जो इस वित्तीय वर्ष में हर घर में 120 दिनों का गारंटीड मजदूरी रोजगार प्रदान करेगी। इस योजना को हिमाचल प्रदेश के सभी शहरी स्थानीय निकायों और छावनी बोर्ड में लागू किया जाएगा। राज्य सरकार इस संकट में लोगों को प्रभावशाली प्रोत्साहन के रूप में यह योजना प्रदान कर रही है।

लोगों की मदद करने के लिए उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने मेें यह एक बड़ा कदम है। योजना का उदद्ेश्य मजदूरी से जुड़े व्यक्तियों के कौशल संवर्धन में मदद करना है ताकि उन्हें बेहतर आजीविका के अवसर प्रदान किए जा सकें। इसके अतिरिक्त उद्यमिता प्रशिक्षण के साथ-साथ सब्सिडी लिंक्ड क्रेडिट लिंकेज प्रदान करके अपने उद्यम स्थापित करना और शहरी बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने तथा शहरी स्थानीय निकायों में गुणवत्ता नागरिक सुविधाओं के प्रावधान द्वारा लोगों को बेहतर आजीविका के अवसर प्रदान करना भी योजना के लक्ष्यों में शामिल है।

प्रत्येक घर के सभी वयस्क सदस्य काम करने के लिए पात्र होने के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। उन्हें शहरी स्थानीय निकायों के अधिकार क्षेत्र में रहना और शहरी स्थानीय निकायों द्वारा प्रदान की जा रही परियोजनाओं या स्वच्छता सेवाओं में अकुशल कार्य करने के लिए तैयार रहना अनिवार्य होगा। काम करने के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष होगी। इस योजना के तहत योग्य पात्र लाभार्थी को दीन दयाल अंतोदय-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत ऋण के लिए आवेदन करने की सुविधा होगी। लाभार्थियों को पंजीकरण के सात दिनों के भीतर एक जाॅब कार्ड जारी किया जाएगा। पात्र लाभार्थी को पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर रोजगार दिया जाएगा अन्यथा शहरी स्थानीय निकायों द्वारा लाभार्थी को रोजगार भत्ते के रूप में 75 रूपये प्रतिदिन का भुगतान किया जाएगा।

पुरुष और महिला श्रमिकों दोनों को समान वेतन का भुगतान किया जाएगा। 15 दिनों के रोजगार के पूरा होने के सात दिनों के बाद पखवाड़े के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों द्वारा पात्र लाभार्थियों के बैंक खाते में मजदूरी की राशि सीधे जमा की जाएगी। पात्र लाभार्थी को योजना के तहत रोजगार प्रदान करने के बाद दीन दयाल अंतोदय-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत सरकार द्वारा अधिसूचित की गई न्यूनतम मजदूरी के साथ अधिकतम चार सप्ताह के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पात्र लाभार्थियों को दीन दयाल अंतोदय-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत बैंकों से जोड़ा जाएगा।

लाभार्थियों को राज्य सरकार और केंद्र सरकार की किसी भी योजना के तहत चल रहे या नए स्वीकार्य कार्य में रोजगार प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए शहरी स्थानीय निकायों के पास धन उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, लाभार्थियों को 15वें वित्त आयोग या 5वें राज्य वित्त आयोग के तहत किसी भी स्वीकार्य कार्य के लिए, जिसके लिए शहरी स्थानीय निकायों को अनुदान सहायता प्रदान की गई है और ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 और स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वीकार्य स्वच्छता कार्यो और सेवाओं में भी रोजगार प्रदान किया जाएगा।

राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से सभी लोगों तक पहुंच रही है। यह योजना रोजगार के लिए बाहर जाने की तुलना में अपने प्रदेश वापिस आने वाले लोगों को गृह राज्य में रहने में सक्षम बनाएगी, जिससे सभी को सुरक्षित रखा जा सकेगा। यह पहल वर्तमान परिस्थितियों में भी सर्वश्रेष्ठ तरीकों पर बल देती है और हमें स्मरण दिलाती है कि हम संकट में भी सही उपायों से परिस्थितियों को सकारात्मक बना सकते हैं।

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