उपमंडल करसोग के मुख्य बाजार करसोग में सरेआम सोशल डिस्टेंस सिंह की अवहेलना करते हुए लोग नजर आ रहे हैं आपको बता दें कि कोरोना जैसे भयंकर महामारी से बचने के लिए सरकार द्वारा भी निर्देश दिए गए हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग इस बीमारी के लिए बहुत कारगर है परंतु इतने दिन बीतने के बाद भी करसोग के जनता को कुछ भी इन नियमों का पालन करने का असर दिखाई नहीं दे रहा है !
करसोग के चलते कोरोना से बचाव करने के लिए बार-बार सोशल डिस्टेंसिंग करने के लिए कहा जा रहा है। इसको लेकर अब शहर के दुकानदार भी अभी तक अवेयर नहीं हैं। कोई भी करसोग के दुकानदार अपनी दुकानों के बाहर कोई भी इस तरह की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं कि जबकि कुछेक इक्के दुक्के ग्राहक उनकी दुकान पर आते हैं तो वो खुद ही उनसे कुछ मीटर की दूरी बना कर खड़े हो जाते हैं जबकि कई ग्राहक तो इस सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालना नहीं कर पा रहे हैं इसको लेकर शहर की कुछ कैमिस्ट शॉप्स और घरेलू सामान की दुकानों मैं दुकानदारों द्वारा कोई भी इस तरह के बोर्ड नहीं लगाए गए हैं नहीं कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले लगाए गए हैं और प्रत्येक ग्राहक इन नियमों का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं ।
जबकि सरकार द्वारा इतनी जागरूकता होने के बावजूद भी कोई भी किराना स्टोर बाले वह अन्य खाद्य सामग्री वाले दुकानदारों को निर्देशित किया गया है कि ग्राहक घरों से ना आए यदि आए तो एक सदस्य को ही घर से निकलने की अनुमति है और फोन पर ही अपना ऑर्डर लिखवा दें जिसके बाद उन्हें घर पर ही राशन की होम डिलीवरी की जा सके। जबकि करसोग में यह सब उल्टा देखने को नजर आ रहा है ।।
कोरोना को हराना है तो सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाना है ! कोरोना वायरस से निपटने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन का आज यानि बुधवार को आठवां दिन है. लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर सन्नाटा है लेकिन कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. भारत ने कोरोना के खिलाफ अपनी जंग छेड़ रखी है और हालातों पर नियंत्रण करने की पूरी कोशिश जारी है. इस बीच सवाल उठता है कि ऐसे दौर में भारत जैसे देश के लिए सोशल डिस्टेंसिंग क्यों जरूरी है. जानिए करसोग अस्पताल के डॉक्टरों की राय.