सोलन ! जुडडी व गुल्लरवाला स्कूल को समर्पित किए सभागार, सोलर प्लांट व रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट ! 

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सोलन , [ बद्दी ]  फरवरी [ पंकज गोल्डी ] ! बद्दी  की प्रसिद्व फार्मा कंपनी आयुर्वेट लिमिटेड ने बददी के दो स्कूलों को अलग अलग सौगातें दी है। सामाजिक दायित्व निर्वहन कार्यक्रम के तहत कंपनी ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुल्लरवाला में मोडूलर रेन वाटर हारवेस्टिंग प्लांट और 5केवीए का सोलर प्लांट समर्पित किया। इसके बाद अब पूरे स्कूल में बिजली की आपूर्ति होगी वहीं बिजली का बिल भी बहुत कम आएगा। जल संग्रहण को सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट का निर्माण भी किया गया है। अब वाटर रिचार्ज से धरती का जल स्तर बढाने में अहम योगदान रहेगा।

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इन दोनो प्लांटों पर कंपनी ने 18 खर्च किया है। इसके बाद कंपनी के प्रबंधकों ने राजकीय प्राथमिक पाठशाला जुडडी कलां में एक मिड डे मिल सभागार का लोकापर्ण किया जिस पर लगभग नौ लाख रुपये की लागत आई है। अब कोई भी मौसम हो बच्चे शैड के नीचे बैठकर पंक्तिबद्व होकर स्वच्छ माहौल में भोजन करेंगे। जुडडी स्कूल में अधिकांश बच्चे प्रवासी लोगों के है और उनको निजी स्कूलों की जैसी सुविधाएं नही थी इसलिए आयुर्वेट कंपनी का मानना है इसमें हर बेहतर सुविधा मुहैया करवाई जाए ताकि यहां के बच्चे भी पठन पाठन सामग्री की सुविधाओं से मरहूम न रहे।

तीनों कार्यक्रमों का लोकापर्ण करने के बाद कंपनी के दिल्ली से आए सीईओ सुनील रेखी ने कहा कि हमारी कंपनी सीएसआर में 2 फीसदी व्यय करने में नहीं बल्कि 10 फीसदी खर्च करने में विश्वास रखती है। लोकापर्ण के बाद कंपनी के अध्यक्ष प्रदीप बर्मन ने कहा कि हमारी कंपनी पशुओं की दवाईयों का निर्माण करती है और हमारे प्रबंधन की दूरदर्शिता है कि हम उस समाज को लाभ प्रदान करें जिससे हम बदले में लाभ ले रहे हैं। कंपनी के निदेशक आपरेशन रिसर्च के रविकांत ने कहा कि शिक्षा को बढावा देने और पर्यावरण के क्षेत्र मेें अभी तक हम 8 स्कूलों में कार्य कर चुके हैं जिसका हजारों बच्चों को लाभ मिला है।

इन परियोजनाओं के अंतर्गत संस्थान ने उच्च माध्यमिक पाठशाला गुलरवाला में जल संरक्षण और सतहिए जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से 13 लाख की लागत से वर्षा जल संचयन इकाई का निर्माण किया है। मॉड्यूलर तकनीक पर आधारित यह बददी औद्योगिक छेत्र में इस प्रकार की पहली वर्षा जल संचयन इकाई है। इस इकाई की क्षमता 48 हजार लीटर की है, जो बरसात के पानी को विद्यालय की छत और प्रांगण से ड्रेन पाईप द्वारा एकत्र करके बोर के माध्यम से भूमिगत जल स्तर ले जाएगा जिससे इसके स्तर में वृद्धि होगी। लगातार घटते जल स्तर को बढ़ाने के दिशा में किया गया यह आयुर्वेट कम्पनी का बददी का क्षेत्र में एक कदम है।

तात्कालिक रूप से यह कार्य विद्यालय को जल जमाव से निजात दिलाएगा और मुख्य रूप से पर्यावरण स्थिरता में सहायक होगा। इस इकाई की खास बात ये है की जहा जल का भंडारण किया गया है वो इकाई भूमिगत है जिसके ऊपरी सतह का इस्तेमाल भी अवरुद्ध नहीं होगा। इसके साथ ही आयुर्वेद के द्वारा इसी पाठशाला में 5 लाख की लागत से 9 केवीए के 2 सोलर पावर प्लांट भी लगाये गये है। यह प्लांट ऑन ग्रिड तकनीक पर आधारित है जो सूर्य के प्रकाश से विद्युत का निर्माण करेगा। इस अवसर पर स्थानीय पार्षद तरसेम चौधरी, सुनील रेखी, सीईओ आयुर्वेट लिमिटेड, निदेशक आपरेशन एंड रिसर्च के रविंकात, विजय प्रताप सिंह, मदन लाल शर्मा, कुलवंत चौधरी, संदीप बकशी, संजीव राणा, अरुणेश कुमार, सतीश ठाकुर, एच सुधीर, विमल धर, अनिरुद्व शर्मा, नितीन खुराना, रजनीश, रामपाल, गुरमिंद्र सहित दोनो विद्यालयों का स्टाफ व बच्चे उपस्थित थे।

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