सोलन , [ नालागढ़ ] , 18 सितंबर [ पंकज गोल्डी ] ! औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के तहत गांव ढाना में एक किसान के खेत मे लगी 4 फीट की लौकी लोगों के लिए एक चर्चा का विषय बनी हुई है। 20 दिन की इस लौकी का वजन करीब दो किलो है और लगातार बढ़ता जा रहा है। किसान अब इस लौकी के बीज तैयार कर खेत में सब्जी की खेती करने की तैयारी में है। जैविक पद्धति से किसान ने लौकी के साथ अन्य सब्जियां और फल भी लगा रखे है। जिनके भी बीज तैयार किए जा रहे है।
ग्राम ढाना निवासी किसान बाल कृष्ण ने प्रयोग के तौर पर घर में कुछ सब्जियों की बेल, नींबू, पपीते के पेड़ लगा रखे है। बीस दिन पहले लौकी की बेल पर लौकी लगना आरंभ हुई। जिसमें से एक लौकी की लंबाई लगातार बढ़ती गई और 20 दिन में लौकी की लंबाई करीब 4 फीट हो गई। किसान बल कृष्ण ने बताया कि उसने लौकी में किसी प्रकार का उर्वरक खाद या दवाई नहीं डाली। जैविक पद्धति से गोबर, गोमूत्र और छाछ लौकी बेल की जड़ों में दिया। जिसका परिणाम अच्छा रहा। अब खेत में लगाई गिलकी, तोरई, नीबू में भी ये ही प्रयोग कर रहे हैं।
किसान बालकृष्ण ने बताया कि लंबाई में बढ़ी लौकी के वे अब बीज तैयार करेंगे। इन बीजों से वे खेत में लौकी की खेती करेंगे। खेत में भी जैविक पद्धति ही अपनाएंगे। यदि इस तरह की सभी लौकी वहां भी तैयार होती है तो उनके भी बीज तैयार किए जाएंगे। जिससे इनकी अन्य जगह पर भी खेती की जा सके। इसी तरह का प्रयोग वे अपने घर लौकी देखने आ रहे अन्य किसानों को भी करने की सलाह दे रहे है।