शिमला नगर निगम का पांच साल पूरा हो गया है और वीरवार को नगर निगम के कार्यकाल की अंतिम मासिक बैठक बचत भवन में बुलाई गई। बैठक में पानी और सड़कों की टायरिंग को लेकर वीरवार को जमकर हंगामा देखने को मिला। बैठक के शुरू होते ही भाजपा के पार्षदों ने ही अपनी ही नगर निगम पर शहर में पानी और सड़कों की टायरिंग ना होने को लेकर हंगामा शुरू कर दिया और नगर निगम पर लोगों को पानी ना देने के आरोप लगाए।
कैथू और अनाडेल वार्ड के पार्षद ने सड़क की टायरिंग ना होने का मामला सदन में उठाया और हंगामा शुरू कर दिया साथ ही टायरिंग की गुणवत्ता पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए करीब 15 मिनट तक इसको लेकर हंगामा होता रहा वहीं अन्य पार्षदों में भी शिमला शहर में पानी के संकट को लेकर नगर निगम के अधिकारियों और महापौर के समक्ष सवाल खड़े किए।
कैथू वार्ड से भाजपा पार्षद सुनील धर ने कहा कि शिमला शहर में चौथे दिन पानी आ रहा है लोग इसकी शिकायत करते हैं ओर अधिकारियों को फोन करते है लेकिन पानी नही मिल रहा है । कई जगह रात को पानी छोड़ा जाता है शहर में पानी की कमी कमी नहीं है लेकिन सही तरीके से वितरित नही किया जा रहा है। लोग बहुत परेशान हैं इसके अलावा कैपिटल होटल से कैथू ओर अन्नाडेल वार्ड के लिए सवा करोड़ से सड़क की वाइंडिंग की है सड़क की हालत खराब हो गई है। इस सड़क की टायरिंग के लिए 1 महीने से नगर निगम से गुहार लगा रहे थे लेकिन नगर निगम केवल बहानेबाजी ही करता रहा है उसको देखते हुए आज यह मामला उठाया गया है ।
वहीं कांग्रेस के पार्षद दिवाकर कहा कि भाजपा शासित नगर निगम के 5 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है लेकिन कई समस्याएं हैं जिनसे छुटकारा नहीं दिला पाई है कार्य हो रहे है उसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं शहर में पानी की गंभीर समस्या है। 2018 में पानी के संकट को देखते हुए निजी कंपनी जल निगम बनाया गया लेकिन वह भी इस समस्या से छुटकारा नहीं दिला पाए पाया है । हर बार पानी की समस्या को लेकर कई बार सदन में मामला उठाया गया तो जल निगम द्वारा आश्वासन दिया गया की पानी का कोई संकट नहीं है लेकिन 2018 में पानी का संकट पैदा हुआ था और फिर वही स्तिथि बन गई है । 5 साल में नगर निगम पानी की समस्या से छुटकारा नहीं दिला पाए है।
वहीं पार्षद इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वे अपने वार्ड से संबंधित सभी मुद्दों को उठाते रहे लेकिन भाजपा शासित नगर निगम ने उनके साथ भेदभाव किया जाए भाजपा की पहली बार निगम बनी थी लेकिन उनके विजन में कमी थी जिससे काम करने में दिक्कत आई है आज जगह जगह पर उद्घाटन पत्रिकाएं लगा रहे हैं लेकिन जो पानी की समस्या है वो वेसे ही बनी है । केवल पानी का निजीकरण करने का काम किया है । शहर में 32 एमएलडी पानी कीजरूरत होती है लेकिन यह 40 एमएलडी से ज्यादा पानी आ रहा है उसके बाद भी लोगो को पानी नही मिल रहा है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी के पैसे का दुरुपयोग हुआ है जो हमें कार्य होने चाहिए थे वह नहीं हो पाए। लोगों को पार्किंग जैसी सुविधा देने में भी यह नगर निगम पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है और अब शिमला में कांग्रेस की नगर निगम बनेगी और लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी
पार्षदों को मोमेंटो देकर किया सम्मानित !!
शिमला नगर निगम के 5 साल पूरा होने पर नगर निगम के आयुक्त आशीष को भी द्वारा सभी पार्षदों के सहयोग के लिए आभार जताया गया और इस दौरान सभी पार्षदों को महापौर सत्या कौंडल की तरफ से मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया। इस दौरान सभी वार्डों के पार्षद मौजूद रहे।