चम्बा ! कला सृजन पाठशाला (पंजीकृत) द्वारा आयोजन सत्र-38 !

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चम्बा ! सुन्दर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वावधान में 29 मई 2022 को ‘कला सृजन पाठशाला (पंजीकृत)’ द्वारा हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार देवेन्द्र सत्यार्थी की जयन्ती के उपलक्षय पर कविता पाठ तथा लेख पाठ का आयोजन सत्र-38 किया गया। इस सुअवसर पर कला सृजन पाठशाला के सदस्यों के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालय चम्बा के छात्रों ने भी भाग लिया।

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कार्यक्रम की शुरुआत मे मंच के अध्यक्ष शरत् शर्मा ने हिन्दी में गीतांजलि श्री द्वारा रचित उपन्यास रेत पर समाधि को वर्ष 2022 के लिए मिले अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए कहा कि यह हिन्दी भाषा तथा हिन्दी साहित्य के लिए प्रसन्नता के क्षण हैं, आओ इसका उत्सव मनाएं। इस पुरस्कार से रचनाकार का गौरव बढ़ा है, वहीं हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रतिष्ठा मिली है। इस खूबसूरत मौके पर अध्यक्ष शरत् शर्मा ने कला सृजन पाठशाला की ओर से गीतांजलि श्री को बधाई दी और कहा कि उनका भावी सृजन और ख्याति प्राप्त करे।

इसके बाद उन्होंने देवेन्द्र सत्यार्थी का संक्षिप्त जीवन परिचय पढ़ा तथा उनके काव्य का विश्लेषण भी किया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सभी कवियों ने अपनी अपनी रचनाओ से सभी को भावविभोर किया। कार्यक्रम की शुरूआत में महाविद्यालय के छात्रा अंजली ठाकुर ने “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” तथा “चम्बे दा नजारा” कविता द्वारा बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर करारी चोट की। इसके बाद शिल्पा ने “हिन्दी है शान हमारी” कविता द्वारा हिन्दी की शान को उजागर किया। कवि हेमराज राज ने “यह इश्क है मेरी जान” तथा “मां” कविता द्वारा अपने भावों को अभिव्यक्त किया। प्रसिद्ध कवयित्री रेखा गक्खड ने “यूं ही” तथा “गुवाड़” कविता द्वारा सभी को मन्त्रमुग्ध किया।

डॉ. संतोष कुमार ने “किताबें” कविता द्वारा किताबों की वर्तमान स्थिति पर कविता में हुए मार्मिक चित्रण द्वारा समा बांधा। शरत् शर्मा ने “सरिता” तथा “पिता के उसूल” कविता द्वारा पिता का परिवार निर्माण में योगदान पर कविता के माध्यम से चिन्तन व्यक्त किया। इस अवसर पर कला सृजन पाठशाला के संरक्षक बाल कृष्ण पराशर ने रेत पर समाधि की रचनाकार गीतांजलि श्री को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिलने पर बधाई व शुभकामनाएं दीं तथा राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड समूह के अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी को भी एक से एक उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को प्रकाशित करते रहने के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उपस्थित सृजेताओं को कलम और शब्द की शक्ति को बताते हुए अभिवादन दिया।

आयोजन सत्र-38 के कार्यक्रम का संचालन कला सृजन पाठशाला के महासचिव तथा राजकीय महाविद्यालय चम्बा के विभागाध्यक्ष डॉक्टर संतोष कुमार ने अपनी त्वरित टिप्पणियों के साथ सफल किया। कला सृजन पाठशाला के सचिव एवं समीक्षक रेखा गक्खड़ ने सभी रचनाओं का सिलसिले वार विश्लेषण करके आयोजन का समापन किया।

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