भरमौर ! भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र पालमपुर द्वारा खणी पंचायत, तहसील भरमौर, जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश द्वारा जनजातीय उप-योजना के अंतर्गत आज अति निर्धन बारह परिवारों को संकर प्रजाति की अड़तालीस बकरियां, बारह बकरे, 60 क्विंटल पशु आहार, 6 क्विंटल खनिज मिश्रण एवं आवश्यक दवाईयां मुफ्त आवंटित की।
इस दौरान एक दिवसीय किसान गोष्ठी एवं पशु स्वास्थय चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 156 किसानों/पशुपालकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में डा.ऊमा शंकरपति, प्रभारी जनजातीय उप-योजना ने चयनित परिवारों से अनुरोध किया कि बकरे/बकरियों की अच्छी देखभाल करें ताकि बकरी पालन चयनित अति गरीब परिवारों की आजीविका का साधन बन सके।
उन्होंने बताया कि भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, पालमपुर द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजातीय उपयोजनाओं के अन्तर्गत 560 से ज्यादा बकरे/बकरियां अति निर्धन परिवारों को मुफ्त आवंटित किये जा चुके हैं।
इसी क्रम में उन्होंने बकरी दूध के लाभों के बारें में किसानों/पशुपालकों को विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान पशुपालन विभाग, भरमौर के चिकित्सक डा. नितेश कोंडल मुख्य फार्मासिस्ट श्री जय किशन कपूर द्वारा आवंटित किये जाने वाले बकरे एवं बकरियों का वैक्सीनेशन किया तथा संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा इनकी स्वास्थ्य जांच की गई।
डा. यू. एस. पति, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा किसानों/पशुपालकों को वितरित दवाईयों की विस्तृत जानकारी एवं उनके सही उपयोग के बारे में अवगत करवाया। गोष्ठी में पधारे किसानों और पशुपालकों की पशुपालन एवं कृषि सम्बंधित समस्याओं का विभिन्न विषय विशषज्ञों द्वारा समुचित समाधान किया गया।
पंचायत प्रधान, श्री शाम ठाकुर ने केन्द्र के सभी वैज्ञानिकों/अधिकारियों/कर्मचारियों का स्वागत किया। डा गौरी जैरथ, वैज्ञानिक ने उपरोक्त कार्यक्रम का संचालन किया। प्रबंधकों की भूमिका में श्री बलविन्द्र सिंह राणा, तकनीकी अधिकारी, श्री. आर. रणजीत सिंह, तकनीकी अधिकारी एवं जोंगा राम वरिष्ठ तकनीकी सहायक, संविदा बिंदुओं द्वारा इस आयोजन में महत्तवपूर्ण योगदान दिया।
अपने धन्यवाद संभाषण में डा. रिंकू शर्मा ने. वरिष्ठ वैज्ञानिक ने पंचायत खणी के प्रधान श्याम सिंह ठाकुर, उप प्रधान श्री सुनील कुमार सुपुत्र एवं वार्ड पंचों श्री संजय कुमार श्रीमती सपना देवी श्रीमती सीमा देवी श्रीमती कंचना देवी का सहयोग देने के लिए धन्यवाद किया एवं बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा किये गए अनुसंधान कार्यों का लाभ पशु पालकों को अवश्य मिलना चाहिए।