बिलासपुर ! प्रदेश सरकार भेड़ पालकों की चरागाहों की चिंताओं को दूर करने के लिए वचनबद्ध – त्रिलोक कपूर !

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बिलासपुर ! वर्तमान प्रदेश सरकार ने भेड़ पालन से जुड़े गद्दी वर्ग हर दृष्टि से चिंता की है। उक्त उद्गार भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं वूल फेडरेशन के चेयरमैन त्रिलोक कपूर ने अपने पांच दिवसीय ‘सरकार भेड़ पालकों के द्वार’ कार्यक्रम के अंतर्गत आज जिला बिलासपुर व जिला सोलन के नालागढ़ क्षेत्र में सर्दियों की चारगाहों में आने वाले भेड़ पालकों के लिए आयोजित जागरूकता एवं प्रशिक्षण कैंप में उपस्थित भेड़ पालकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

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कपूर ने कहा कि यह सच है कि जब तक जिस समाज में राजनीतिक रूप से चेतना और उत्थान नहीं होता है तब तक उस समाज का समुचित विकास नहीं होता है। उन्होंने कहा कि यह गद्दी समाज व भेड पालकों का सौभाग्य है कि भाजपा ही एक ऐसा राजनीतिक दल है जिसने इस समाज को अनारक्षित सीटों के बावजूद भी भटियात, धर्मशाला से विधानसभा में और लोकसभा सीटों में विधायक व सांसद के रूप में चुनाव लड़ कर जनता की सेवा करने का अवसर दिया है। यहां तक कि मेरे जैसे एक भेड़ पालक को पहली बार भाजपा का प्रदेश महामंत्री के रूप में संगठन में भी काम करने का अवसर देकर गद्दी समुदाय को सम्मान दिया है।

वूल फेडरेशन के चेयरमैन कपूर ने कहा कि जब- जब भाजपा की सरकार प्रदेश की सत्ता में होती है उसी ही समय भेड पालकों के लिए जगह-जगह कैंपों का आयोजन होता है। जबकि कांग्रेस सरकार में इस प्रकार के कोई भी प्रयास नहीं होते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछली बार धूमल सरकार में वन चरान परमिट की अवधि को 1 वर्ष से 3 वर्ष तक वढ़ाया गया था जबकि इस बार जयराम सरकार की विशेष कृपा से और वन मंत्री श्री राकेश पठानिया जी के सहयोग से वन चरान परमिट की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया है। जिससे घुमंतू भेड़ पालकों को बार-बार वन विभाग के कार्यालय में परमिट कटवाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

कपूर ने मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वूल फेडरेशन में पहली बार भेड़ बकरियों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए इस चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है जो कि आज से पहले कभी नहीं था। भेडों की ऊन की निश्चित समय पर कतराई हो उसके लिए लंबे समय से शीप शेयर संघर्ष कर रहे थे। उसको लेकर भी जयराम सरकार ने 10 शीप शेयरों के पद स्वीकृत कर दिए हैं। जिस की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

भाजपा नेता त्रिलोक कपूर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भेडों की नस्ल सुधारने के लिए पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर के सहयोग व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की विशेष कृपा से 8 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से विश्व के सबसे ज्यादा ऊनी क्षेत्र में विकसित देश ऑस्ट्रेलिया से 200 भेडें व 40 मेढे हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भेड़ प्रजनन केंद्रों में आ चुके हैं।

कपूर ने कहा कि जिस तरह थोड़े से ही समय में पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने भेडों में कृत्रिम गर्भाधान द्वारा प्रजनन की दृष्टि से तेजी से काम करने के साथ हिमालय गोट मीट को बॉकराओ मीट के नाम से ब्रांड किया है। उसी तर्ज पर इन्हीं विषयों को लेकर हिमाचल में भी प्रयास हो उसके दृष्टिगत केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय भारत सरकार व पशुपालन विभाग हिमाचल प्रदेश के संयुक्त परामर्श पूर्वक तीन सदस्य दल डॉक्टर नवीन कुमार सहायक निदेशक परियोजना, डॉक्टर मुंशी राम कपूर सहायक निदेशक पशुपालन विभाग, दीपक सैनी प्रबंधक वूल फेडरेशन हिमाचल प्रदेश का 3 सदस्य का एक दल को 20 फरवरी को 3 दिन के लिए उत्तराखंड भेजने का निर्णय किया है। ताकि हिमाचल प्रदेश के भेड़ पालन व्यवसाय में व ऊन की आय में लाभ हो सके।

कपूर ने कहा कि भेड़ पालन व्यवसाय को बचाना भेड पालकों के हित में ही नहीं बल्कि प्रदेश हित में भी बहुत आवश्यक है। इसलिए इस प्रकार के कैंपों का आयोजन करके उनके प्रोत्साहन व विश्वास देने के लिए चारगाहों से लेकर कैंपों तक आने- जाने का किराया, कांगड़ी धाम, 1500 रुपए की भेड़ बकरियों के उपचार के लिए मेडिकल किट, सोलर टॉर्च इत्यादि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

इस अवसर पर पशुपालन विभाग से जुड़े डॉक्टरों ने भी भेड़ों को बीमारियों से बचाने के लिए अलग-अलग रूप से जानकारी के साथ विभाग के सहायक निदेशक डॉ मुंशीराम कपूर ने मेडिकल किट में दी जाने वाली दवाइयों की भी विस्तृत जानकारी दी।

इस मौके पर एसडीएम स्वारघाट राज कुमार ठाकुर, सहायक निदेशक विनोद कुमार, अनीश कुमार, वेटनरी ऑफिसर मनदीप कुमार, सुशील कुमार, स्वारघाट थाना प्रभारी मनवीर सिंह, भाजपा मंडल स्वारघाट के अध्यक्ष बाल कृष्ण, जिला सोलन और बिलासपुर के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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