हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा के परिणामों में देरी के कारण एक बार फिर से चर्चा में !

--------यूजी व पीजी के लंबित परिणामों के कारण छात्र दाखिला लेने से वंचित ! --------एचपीयू में एमपीएड व एमएड हेतु काउंसलिंग में एक बार फिर से देरी !

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शिमला ! मीडिया को जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई मंत्री आकाश नेगी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन परिणाम निकालने की प्रक्रिया में बहुत ही लाचार स्थिति से गुजर रहा है। छात्रों को परिणामों के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है, परीक्षाओं के परिणामों को घोषित करने के विषय में प्रशासन का रवैया हमेशा एक जैसा ही रहा है हमेशा प्रशासन परिणामों को निकालने में बहुत देरी करता है। बीपीएड और बी एड के परिणाम अभी तक घोषित नहीं किए गए हैं जिस वजह से छात्रों का लगभग एक वर्ष बर्बाद होने की कगार पर है । छात्र न तो किसी अन्य विश्वविद्यालय में दाखिला ले पाए और न ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में, बीएड व बीपीएड के परिणाम घोषित न होने की वजह से एमएड व एमपीएड के नए सत्र 2021- 22 के दाखिले लटके हुए हैं , जहां अन्य पीजी कोर्सेज में एक सेमेस्टर खत्म होने को है वहीं परीक्षा परिणाम घोषित न होने की वजह से एमएड व एमपीएड के दाखिले हेतु काउंसलिंग प्रक्रिया तक शुरू नहीं हो पाई है। ए ग्रेड विश्वविद्यालय के लिए यह शर्मनाक है, प्रशासन द्वारा परिणामों को निकालने में देरी करना छात्रों के समय को बर्बाद करना है छात्र अपने परिणामों के न मिल पाने के कारण अगले कक्षाओं में प्रवेश लेने से वंचित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश विश्वविद्यालय का यह काम करने का तरीका आम हो गया है यह तभी जागता है जब तक कोई छात्र संगठन प्रशासन के सामने धरना प्रदर्शन नहीं कर लेता तब तक प्रशासन अपने स्तर पर कोई भी कदम नहीं उठाता इससे पहले भी ऐसे अनेकों उदाहरण है जिसमें छात्रों के परिणामों को घोषित करने के लिए छात्र संगठनों को धरने से गुजर कर परिणामों को घोषित करवाना पड़ा है। विश्वविद्यालय की ग्रेडिंग सुधार के प्रयास लंबे समय से प्रशासन कर रहा है लेकिन समय पर परिणाम घोषित न कर पाने से इसका असर ग्रेडिंग पर भी पड़ेगा । उन्होंने कहा कि कई महीने बीत जाने के बाद भी पीजी परीक्षा परिणाम घोषित करने में विश्वविद्यालय प्रशासन असफल रहा है , हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध महाविद्यालयों से पढ़ाई करने वाले अधिकांश छात्रों ने केंद्रीय विश्वविद्यालय की शोध पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की किंतु पीजी परिणाम घोषित न होने की वजह से वे पीएचडी में दाखिला लेने से वंचित रह गए।रिजल्ट समय से न आने पर छात्र मानसिक उत्पीड़न से गुजर रहा है।उन्होंने कहा की प्रशासन हमेशा अपने आपको ए ग्रेड होने का दावा करता है लेकिन वास्तविकता हम आपके सामने हैं, विद्यार्थी परिषद् का सीधा मत है की जल्द से जल्द बीएड, बीपीएड व यूजी और पीजी के लंबित पड़े परिणामों को घोषित किया जाए। ताकि छात्र अपने आगामी कक्षाओं में प्रवेश ले सके।

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