शिमला ! हिमाचल के कर्मचारियों को प्रदेश सरकार ने बडी राहत दी है। शनिवार को जेसीसी की बैठक में मुख्यमंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट समय तीन साल से कम करके दो साल करने के साथ ही कर्मचारियों को वितीय लाभ दिए है। वही कांग्रेस ने इस फैसले का स्वागत किया है ओर इसे उप चुनाव में मिली हार का नतीजा करार दिया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारी पिछले चार साल से जेसीसी की बैठक का इंतजार कर रहे थे लेकिन ये सरकार कर्मचारियो की मांगों की अनदेखी कर रही थी। वही अब जब उप चुनावो में प्रदेश की जनता ने बीजेपी को डोज दिया है और उसके बाद सरकार होश में आई और जेसीसी की बैठक बुला कर कर्मचारियो की मांगों को पूरा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ढाई लाख कर्मचारी है और इन कर्मचारियों की मांगे पहले ही पूरी होनी चाहिए थी लेकिन अब चुनावी वर्ष में ये सरकार कर्मचारियो को लुभाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पीरियड 5 साल से कम करके तीन साल किया था ओर अब तीन साल से कम करके दो साल किया है इस फैसले का कांग्रेस स्वागत करती है और सरकार इन फैसलों को बैठकों या घोषणा तक सीमित न रखे बल्कि इसे जल्द लागू भी करे।
उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों को लेकर बेठक में कोई फैसला नही लिया गया जबकि हजारों लोग आउटसोर्स पर लगे है और उनका ठकेदारो द्वारा शोषण किया जा रहा है। जबकि इन कर्मियों के लिए भी नीति बनाई जानी चाहिए और इनके भविष्य को भी सुरक्षित किया जाना चाहिए ।
नरेश ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियो के जो भी हक़ बनते है उन्हें वे समय समय पर मिलने चाहिए। सरकार अंतिम वर्ष में केवल कर्मचारियो को खुश करने का काम न करे। इस सरकार के अब कुछ समय बचा है । प्रदेश की जनता ने बीजेपी को उप चुनाव में डोज दी है और उसी का नतीजा है कि अब ये सरकार घोषणाएं कर रही है लेकिन अब जनता इनके झांसे में आने वाली नही है और 2022 में भी इस सरकार को जनता सत्ता का बाहर का रास्ता दिखाएगी