बिलासपुर ! अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्चुअल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पंचायत धौन कोठी तथा पंचायत जमथल के पंचायत प्रतिनिधि व गांव वाले शामिल हुए।
जागरूकता शिविर की शुरूआत सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला बिलासपुर हरमेश कुमार द्वारा की गई। उन्होंने आम जनमानस को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विभिन्न योजनाओं की जानकारी मुख्य रुप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए मुआवजा राशि तथा निःशुल्क कानूनी सहायता विस्तृत जानकारी रखी। इस सहायता के लिए पात्र व्यक्तियों को ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने का आग्रह किया।
उन्होंने गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 (पीसीएनडीटी) एक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि गर्भधारण के पूर्व या बाद में लिंग चयन और जन्म से पहले कन्या भ्रूण हत्या के लिए लिंग परीक्षण करना गुनाह है। भु्रण परीक्षण के लिए सहयोग देना व विज्ञापन करना कानूनी अपराध है।
इसके उपरांत विधि तथा परिवीक्षा अधिकारी जिला बाल संरक्षण इकाई बिलासपुर सीमा सांख्यान ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम ‘डिजीटल जेनेरेश’ रखी गई है। भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को बनाया जाता है ताकि बालिकाओं का सशक्तिकरण, लिंग भेदभाव को दूर करना, बाल विवाह को रोकना, समाज में व्यापत पुत्र और पुत्री के भेदभाव को समाप्त करना व लिंग अनुपात को खत्म किया जा सके।