चम्बा ! हिमाचल प्रदेश जिसको की देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है और सावन के महीने के बाद हर तरफ भगवान शिव और देवी शक्तियों की यात्रा का भी प्रारंभ होता है। आज हम अपने दर्शकों को उस देवी शक्ति के दर्शन करवाने जा रहे है जिसकी यात्रा करना सबके बस की बात नही है। जी हां हम बात कर रहे है जनजातीय क्षेत्र होली तहसील के दयोल ग्राम के ककरेडा की जहां पर ऊंची पहाड़ी पर धडोलन माता का मंदिर है वह भी ऊंचे टिल्ले पर। करीब पांच किलोमीटर ऊंची चोटी पर स्थापित इस माता के मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर में महिलाओं का आना वर्जित है। बताते चले कि सावन के महीने के बाद इस माता के मंदिर की यात्रा शुरू होती है जोकि अन्य यात्राओं की तरह 15,दिनों तक चलती रहती है।
इस मंदिर के पुजारी के अनुसार यहां पर हर साल सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते है,पर यहां केवल पुरष ही इस यात्रा को कर सकते है,महिलाओं का आना यहां वर्जित है।
इन पुजारी ने माता की महिमा के बारे में बताया कि ऊंचे टिल्ले पर माता ने अपना देविक निवास बनाया हुआ है जहां पर दूसरा कोई ठीक से खड़ा तक नहीं हो पता है। पर धड़ोलन वाली माता का करिश्मा है कि उस स्थान पर कई लोग एक साथ खड़े भी हो सकते है और बैठकर पूजा भी कर सकते है। इन पुजारी ने यह भी बताया कि माता उनके द्वार में आने वाले हर भगत की मनोकामना पूर्ण करती है। और लोगों के जान माल की सुरक्षा भी माता की सपुरद्दारी में ही होती है।