सोलन ! हिमाचल प्रदेश के दवा उद्योगों में बन रही दवाओं में से ताजातरीन ड्रग अलर्ट में छह उद्योगों की दवाएं फेल हो गई है। देशभर की फेल हुई 19 दवाओं में से प्रदेश के छह उद्योगों की दवाएं इसमें शामिल है, जिसमें से फार्मा हब बीबीएन की तीन और सिरमौर, कांगड़ा व परवाणु के उद्योगों की एक-एक दवा शामिल है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के ताजा ड्रग अलर्ट में देशभर से अप्रैल माह में 725 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिसमें से 21 दवाएं मानकों पर खरा नहीं उतरी और सूबे के 6 दवाएं सब स्टैंडर्ड पाई गई।
सीडीएससीओ से मिली जानकारी के अनुसार फेल होने वाली दवाओं में मैसर्ज प्राइमस फार्मास्यूटिकल काला अंब सिरमौर की इनमेसिन आर कैप्सूल का बैच नं-पिसी-111958, मैसर्ज मेडिपोल फार्मास्यूटिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भुडड बददी की क्लोपीडिग्रेल एंड एस्प्रिन टेबलेट्स का बैच नं-टीएसीबी-011, मैसर्ज टेरेस फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड फेज-3 इंडस्ट्रियल एरिया संसारपुर टेरेस कांगड़ा की अमलोडीपीन टेबलेट्स का बैच नं-एसटीएन-200968, मैसर्ज ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल लिमिटेड किशनपुरा नालागढ़ की टेलमीसारटन एंड अमलोडीपीन 5 एमजी टेबलेट्स का बैच नं-05201874, मैसर्ज लीगेन हेल्थकेयर सेक्टर-5 परवाणु सोलन की डिफेनहाइड्रामिन अमोनियम क्लोराइड सोडियम साइट्रेट मेन्थॉल सिरप का बैच नं-एलएक्स-5435 और मैसर्ज विंग्स बॉयोटेक एचपीएसआईडीसी इंडस्ट्रियल एरिया बददी की फेक्सोफेनेडाइन हाइड्रोक्लोराइड टेबलेट्स का बैच नं-एफएक्सएनटी-1009 के सैंपल फेल हुए हैं
आपको बतादें कि वर्ष 2020 में देशभर में फेल हुई दवाओं में हिमाचल की 84 दवाएं फेल हो चुकी है, जबकि वर्ष 2019 में 100 से अधिक दवाओं के सैंपल फेल हुए है। प्रदेशभर में करीब 750 फार्मा उद्योग स्थापित है, जिनमें से कई उद्योगों में निर्मित दवाओं पर सवाल उठते ही रहे है और सीडीएससीओ द्वारा हर माह दिए जाने वाले ड्रग अलर्ट के बाद विभाग हरकत में आता है और सैंपल फेल होने वाली दवाओं का बैच मार्केट से उठा लिया जाता है।
इस बारे में राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाहा ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए है, वहीं फेल हुए सैंपलों के बैच मार्किट से हटाने के निर्देश के साथ दवा निरीक्षकों को इन पर कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए गए है।