शिमला ! साइबर थाना शिमला मे हर वर्ष शिकायतों मे हो रही भारी वृद्धि !

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सांकेतिक चित्र
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शिमला ! वर्तमान समय मे साइबर अपराध क्षेत्र विशेष से घटित किया जा रहा है। टेक्नॉलजी के इस दौर मे, इंटरनेट के इस डिजिटल युग मे जहां आम नागरिकों का कार्य सुगम एवं आरामदायक तथा आसान कर दिया है वहीं इस का फायदा साइबर अपराधी लोग ठगने मे कर रहे हैं। साइबर थाना शिमला मे हर वर्ष शिकायतों मे भारी वृद्धि हो रही है।

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अपराधियों के ठगने के तौर तरीकों का इस वर्ष भी राज्य साइबर थाना शिमला ने विश्लेषण एवं अध्यययन किया। आपराधियों के द्वारा उपयोग मे लाए जा रहे मोबाईल फोन की लोकैशन तथा online transactions के समय इस्तेमाल हुए IP की लोकैशन के आधार पर इस बात का खुलासा हुआ है कि साइबर अपराध वर्तमान समय मे क्षेत्र विशेष मे भिन्न-भिन्न पाया गया है जो हम कह सकते हैं कि यह अपराध area specific हो गया है। विश्लेषण मे यह तथ्य सामने आया है कि साइबर थाना शिमला मे जो शिकायतें olx fraud एवं QR code आधारित भुगतान, Facebook messenger व Whatsapp call के द्वारा विडिओ कॉलिंग द्वारा nude video बनाने का कृत्य Hariyana के मेवात जिला, उत्तर प्रदेश एवं राजयस्थान के कुछ जिलों से किया जाता है।

जब कि KYC सत्यापन, SIM upgradation, e-SIM तथा टोकन payment के नाम पर UPI धोखाधड़ी आदि का प्रयास झारखंड, बिहार, एवं पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों से किया जाना पाया गया है। नकली website बनाने, भारत सरकार की सरकारी योजनाओं, e-commerce एवं सार्वजनिक सेवाओं पर नकली website बनाने बाला गिरोह उतरी राजस्थान एवं दक्षिण बिहार मे सक्रीय है।

नोकरी के नाम पर धोखा धड़ी ऋण व बीमा प्रदान करने वाले जाली साइबर अपराधी गजियावाद, नोएडा, गुरुगराम आदि क्षेत्र मे सक्रीय है। यह call center चला कर संगठित हो कर अपराध कर रहे हैं। सोशल मीडिया जैसे फेस्बूक whatsapp को हैक करना, duplicate account create कर के दोस्तों, रिश्तेदारों से पैसों की मांग करने वाले गिरोह Hariyana मे मेवात जिले एवं उत्तर प्रदेश जिलों से सक्रिय हैं।

साइबर अपराधी यह कृत्य जाली KYC पर खोले गए बैंक खातों, बिना KYC update किए हुए खोले गए online payment bank खातों, तथा जाली CAF (Customer Application Form) से ऐक्टिव हुई SIM तथा इन SIMs से create किए गए भिन्न भिन्न e-wallet से साइबर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। जाली SIM से internet चला कर IP location एवं जाली SIM की location को trace करना जांच agency के लिए मुश्किल हो रहा है।

कोविड-19 के प्रकोप के कारण वर्ष 2020 एवं वर्तमान समय मे भी जांच एजेंसी को इन अपराधों की धड़पकड़ करने मे मुश्किल आ रही है लेकिन भारतवर्ष के ग्रहमन्त्रालय द्वारा सभी राज्य के जांच एजेंसी को साइबर अपराधियों से निपटने के लिए के सयुंक्त योजनाएँ एक एक platform पर तैयार की जा रही हैं तथा सभी राज्य की पुलिस एवं भिन्न-भिन्न जांच agencies समुक्त होकर इन साइबर अपराधियों मे अंकुश लगाने मे सराहनीय कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।

आम जनता एवं नागरिकों के जागरूक रहने तथा अवैध धन की लालसा से बचने एवं इन के परोलोभन मे न आने से हम अपना बचाव कर सकते हैं। साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत पुलिस को सुनिश्चित करें।

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