बददी ! करवाचौथ को लेकर बद्दी के बाजारों में महिला ग्राहकों की भीड़ लगी रही। बाजार में चूड़ी, साड़ी, करवे, सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर महिलाओं खरीददारी करती नजर आईं। इस बार महिलाओं के इस त्योहार पर मंहगाई की मार का भी काफी असर देखा गया। इस बार महिलाओं के इस त्योहार पर मंहगाई की मार का भी काफी असर देखा गया। सोने चांदी के आसमान छूते रेटों के कारण ज्वैलर्स की दुकानों पर पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार काफी कम महिला ग्राहक देखी गईं। सबसे ज्यादा भीड़ आर्टीफीशियल ज्वैलरी, कांच की चूड़ियों, कास्मेटिक्स की दुकानों पर देखी गई। लेकिन बद्दी के बाजारों में कोरोना का असर नहीं दिखा और महिलाएं बाजार में खरीददारी में जुटी रही।
करवे के दामों में हुई बढोतरी !!
पिछले साल की अपेक्षा इस बार मिटटी व चीनी के बने करवे के दामों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष मिट्टी का करवा जहां मात्र 20 रुपए में उपलब्ध हो जाता था, वहीं इस साल 40 रुपए से 150 रुपए तक में उपलब्ध है। इसी प्रकार चीनी का बना करवा 30 से 40 रुपए में उपलब्ध होता था, वहीं सजावटी करवा इस बार 80 से 100 रुपए में मिल रहा है।
करवे बदलने की परंपरा !!
करवाचौथम में एक महिला दूसरी महिला से करवे बदलने की परंपरा को एक दिन पहले ही तय लेती हैं। फिर भगवान शिव पार्वती की कहानी सुनकर महिलाएं एक दूसरे से करवे बदलने की परंपरा को निभाती हैं। चीनी, मिटटी, कांसी, पीतल, तांबा व सोने चांदी से बने करवे प्रयोग में लाए जाते हैं। वैसे अधिकांश महिलाएं मिटटी से बने करवे ही इस्तेमाल करती हैं। महिलाएं कपड़ों से लेकर श्रंगार आदि का नया सामान खरीदकर ही त्योहार मनाती हैं।