जयसिंहपुर तराला गांव का सड़क मार्ग इन दिनों एकदम खस्ता हालत मे हैं !

0
2277
- विज्ञापन (Article Top Ad) -

कांगड़ा ! जयसिंहपुर के अंतर्गत पड़ते ग्राम पंचायत जलेट के वार्ड नंबर एक तराला गांव का सड़क मार्ग इन दिनों नाले के रूप मे बदल गया है, बरसात के दिनों मे अधिक वर्षा होने के बाद अब यह पता नहीं चल पा रहा है, कि पहले तराला गांव मे सड़क मार्ग था,या नहीं ओर यह सड़क मार्ग ग्राम पंचायत जलेट के अंतर्गत पड़ते गांव भाटी, गुलेड़ तराला गांव से हो करके जयसिंहपुर के कोसरी गांव तक यह सड़क मार्ग जाता है ।ज्यादातर दोपिया वाहन चलाने वाले व छोटे वाहन चालक रास्ते का शॉर्टकट होने के कारण इसी ही सड़क मार्ग का सदुपयोग ज्यादातर करते हैं। यह सड़क मार्ग लगभग 5 किलोमीटर का है।

- विज्ञापन (Article inline Ad) -

तराला गांव के दोपहिया वाहन चालक विजय कुमार का कहना है कि यही एक मात्र सड़क मार्ग हमारे गांव तराला मे पड़ता है जो अन्य सड़क मार्गों के साथ जोड़ता है, इन दिनों इस सड़क मार्ग की इतनी खस्ता हालत है कि आए दिन दोपहिया वाहन चालक इस सड़क मार्ग पर चोटलीय होते रहते है। गौरतलब यह है की तराला गांव जयसिंहपुर मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है, चाहे डिपो से राशन लाना हो या फिर जयसिंहपुर के सरकारी हॉस्पिटल मे इलाज करवाने के लिए जाना हो या फिर सरकारी दफ्तर में समस्त ग्राम वासियों ने अपना काम करवाने के लिए जाना हो तो समस्त गांववासियों के लिये एक मात्र इसी सड़क मार्ग का सहारा है।

कोसरी गांव के रवि कुमार का कहना है,कि तराला गांव के पास सड़क मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे और सड़क का नाले के रूप में धारण करने के बाद सबसे ज्यादा परेशानी यहां के जो बीमार व्यक्ति होते हैं उनको अस्पताल ले जाने में होती है, तराला गांव के समस्त स्थानीय निवासियों का कहना है यदि तराला गांव से लेकर के कोसरी गांव तक सड़क मार्ग पर जगह जगह बड़े खड्डों के कारण कभी भी किसी वाहन का कोई बड़ा हादसा हो सकता है। सभी ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा है कि जल्द से जल्द इस सड़क मार्ग की सुध लें और इस सड़क मार्ग का सुधार करें ! ज़ब जयसिंहपुर के लोक निर्माण विभाग के एसडीओ आर. के वर्मा जी को तराला गांव का खस्ता हालत मार्ग सड़क के बारे मे बताया तो उन्होंने आश्वासन दिया की बरसात खत्म होने के बाद सड़क का मुरम्मत कार्य करवा दिया जायेगा।

- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

पिछला लेखप्रदेश में संस्कृत भाषा के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा – गोविन्द ठाकुर !
अगला लेखशिमला ! गणेश दत्त ने हिमफैड के गोदामों का औचक निरीक्षण किया !