शिमला ! वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान शिमला नगर निगम ने शहरवासियों को बड़ी राहत दी है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने जहां सभी सरकारी कार्यालयों को 14 अप्रैल तक बंद कर दिया है वहीं दुकानों,ढाबों, रेस्तरां और होटल को भी बंद पूरी तरह से बंद कर दिया है।14 अप्रैल तक लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में कर्फ्यू भी लागू रहेगा लेकिन कर्फ्यू के दौरान मात्र तीन घंटे तक लोगों को आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए राशन,फल- सब्जी और दूध की दुकानें खुली रखने का निर्णय लिया है ।
लॉकडाउन के दौरान नगर निगम शिमला ने भी सभी तरह के कैश काउंटर बन्द करने का फैसला लिया है और लोगों से ऑनलाइन ही प्रॉपर्टी टैक्स , गारेबज और पानी के बिल बिना किसी जुर्माने के जमा करने की अपील की है। अब नए फैसले के तहत नगर निगम शिमला ने शहरवासियों को बड़ी राहत प्रदान की है और हर साल अप्रैल माह से प्रॉपर्टी टैक्स,गारबेज और पानी की दरों में की जाने वाली 10 फीसदी दरों को टाल दिया गया है। बुधवार को नगर निगम मेयर सत्या कौंडल ने डिप्टी मेयर, निगम आयुक्त औ संयुक्त आयुक्त के साथ बैठक की और आगामी आदेशों तक इस फैसले को टाल दिया है।
नगर निगम मेयर सत्या कौंडल ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन किया है। ऐसे संकट के समय में नगर निगम शिमला शहरवासियों पर कोई अत्तिरिक्त बोझ नहीं लादना चाहता है जिसके चलते हर साल बढ़ाए जाने वाली प्रॉपर्टी टैक्स, गारबेज फीस और पानी की दरों को नहीं बढ़ाएगा। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय मे नगर निगम के पास 22 हजार प्रॉपर्टी टैक्स उपभोक्ता, करीब 60 हजार गारबेज उपभोक्ता और 35 हजार पेयजल उपभोक्ता हैं जिन्हें किसी भी रुप मे बढ़े हुए बिल जारी नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निगम ने फिलहाल तीन माह तक इन सभी सुविधाओं में सभी तरह के उपभोक्ताओं को राहत दी है और 30 जून तक किसी को भी बड़ा हुआ बिल जारी नहीं किया जाएगा।
30 जून के बाद नगर निगम इस मामले को सदन में लाएगा उसके बाद ही अगला फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नगर निगम ने फिलहाल सभी तरह क्व उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की है ताकि शहरवासी पर इस संकट की घड़ी में कोई अत्तिरिक्त बोझ न पड़े। वहीं जल निगम के एक अधिकारी ने भी पानी की दरों में किसी तरह की बढ़ौतरी न करने की बात कही है। अधिकारी का कहना है कि जल निगम की अगली बीओडी की बैठक तक शहर में किसी भी तरह के पानी की दरों को नहीं बढ़ाया जाएगा। जिससे शहर के करीब 35 हजार पेयजल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।