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हिमाचल । राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चन्द धवाला ने आज यहां कहा कि हाल ही में अयोजित विधायक प्राथमिकता बैठकों और राज्य योजना बोर्ड की बैठक में उन्होंने प्रदेश की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए अपने सुझाव दिए हैं। उन्होंने सुझाव दिया है कि शहरी विकास विभाग को शहरी निकायों को अपनी आय बढ़ाने के लिए लम्बित करों को इकठ्ठा करने के लिए प्रेरित करें। इसी तरह जल शक्ति विभाग में भी पानी के बिलों की करोड़ों की राशि शेष पड़ी है जिसे एकत्र करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया है कि प्रदेश में इलैक्ट्रीकल बाहनों को बढ़ावा दिया जाये ताकि पैट्रोल पर खर्च की जाने वाली करोड़ों रुपये की धनराशि की बचत हो सके। इसके अतिरिक्त मेरा सभी विभागों में लम्बे समय तक रिक्त पडे़ पदांे के लिए सैलरी हैड में बजट का प्रावधान न किया जाये क्योंकि रिक्त पद होने के कारण सैलरी हैड में आवंटित बजट बिना खर्च किये रह जाता है। इस धन राशि को अन्य विकास कार्यों में खर्च किया जा सकता है। प्रदेश की नवगठित पंचायतों को निर्देश दिये जाएं कि पिछली पंचायतों के समय केन्द्र सरकार तथा मनरेगा के अन्तर्गत स्वीकृत लम्बित कार्यों को उच्च प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए ताकि ग्रामीण जनता को सड़क तथा रास्तों आदि की सुविधा मिल सके। रमेश धवाला ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए विभागों को प्राक्कलन प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता है। विभाग डीपीआर बनवाने का कार्य बाहरी ऐजेन्सियों से करवा रहे हैं जिसके कारण कई कार्यों की लागत प्राक्कलन से अधिक हो रही है और कई कार्य प्राक्कलन से कम लागत में हो रहे हैं जिस कारण कभी अतिरिक्त बजट मांगना पड़ता है। प्रदेश का जल शक्ति विभाग जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर में नल का प्रावधान कर रहा है परन्तु विभिन्न स्कीमों के जल स्त्रोंतों, भण्डारण टैंकों तथा पाइपों आदि की क्षमता में सुधार अथवा वृद्धि नहीं कर रहा है जिस कारण योजना की क्षमता से अधिक नल लग रहे हैं परन्तु पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसलिए जल जीवन मिशन में पानी की स्कीमों की क्षमता में भी सुधार/वृद्धि की जानी चाहिए।
हिमाचल । राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चन्द धवाला ने आज यहां कहा कि हाल ही में अयोजित विधायक प्राथमिकता बैठकों और राज्य योजना बोर्ड की बैठक में उन्होंने प्रदेश की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए अपने सुझाव दिए हैं।
उन्होंने सुझाव दिया है कि शहरी विकास विभाग को शहरी निकायों को अपनी आय बढ़ाने के लिए लम्बित करों को इकठ्ठा करने के लिए प्रेरित करें। इसी तरह जल शक्ति विभाग में भी पानी के बिलों की करोड़ों की राशि शेष पड़ी है जिसे एकत्र करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
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उन्होंने सुझाव दिया है कि प्रदेश में इलैक्ट्रीकल बाहनों को बढ़ावा दिया जाये ताकि पैट्रोल पर खर्च की जाने वाली करोड़ों रुपये की धनराशि की बचत हो सके। इसके अतिरिक्त मेरा सभी विभागों में लम्बे समय तक रिक्त पडे़ पदांे के लिए सैलरी हैड में बजट का प्रावधान न किया जाये क्योंकि रिक्त पद होने के कारण सैलरी हैड में आवंटित बजट बिना खर्च किये रह जाता है। इस धन राशि को अन्य विकास कार्यों में खर्च किया जा सकता है। प्रदेश की नवगठित पंचायतों को निर्देश दिये जाएं कि पिछली पंचायतों के समय केन्द्र सरकार तथा मनरेगा के अन्तर्गत स्वीकृत लम्बित कार्यों को उच्च प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए ताकि ग्रामीण जनता को सड़क तथा रास्तों आदि की सुविधा मिल सके।
रमेश धवाला ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए विभागों को प्राक्कलन प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता है। विभाग डीपीआर बनवाने का कार्य बाहरी ऐजेन्सियों से करवा रहे हैं जिसके कारण कई कार्यों की लागत प्राक्कलन से अधिक हो रही है और कई कार्य प्राक्कलन से कम लागत में हो रहे हैं जिस कारण कभी अतिरिक्त बजट मांगना पड़ता है। प्रदेश का जल शक्ति विभाग जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर में नल का प्रावधान कर रहा है परन्तु विभिन्न स्कीमों के जल स्त्रोंतों, भण्डारण टैंकों तथा पाइपों आदि की क्षमता में सुधार अथवा वृद्धि नहीं कर रहा है जिस कारण योजना की क्षमता से अधिक नल लग रहे हैं परन्तु पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसलिए जल जीवन मिशन में पानी की स्कीमों की क्षमता में भी सुधार/वृद्धि की जानी चाहिए।
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