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हिमाचल ! साल 2021-22 के बजट से ठीक पहले हिमाचल सरकार एक बार फिर 1 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेगी। इससे पहले, बीते माह भी सरकार ने 1000 हजार करोड़ रुपये कर्ज लिया था। लगातार तीसरे महीने सरकार 1 हजार करोड़ रुपये कर्ज ले रही है। ऐसे में अब प्रदेश पर करीब साठ हजार का कर्ज हो गया है। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार से इस संबंध में विशेष मंजूरी लेने के बाद अधिसूचना जारी की गई है। राज्य सरकार का इस वित्तीय वर्ष का व्यय बजट अनुमानों से काफी ऊपर है। बजट सत्र में इसके लिए विधेयक पारित कर अनुपूरक बजट का प्रावधान किया जाएगा। क्योंकि राज्य सरकार को कर्मचारियों, पेंशनरों के वेतन-भत्ते देने में खासी दिक्कत आ रही हैं और विकास कार्यों के लिए भी बजट में कमी है। कोरोना काल में राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति और भी डगमगा गई है। इसलिए अब लगातार सरकार कर्ज ले रही है.दीर्घकालिक कर्ज को 14-15 साल में चुकता किया जाएगा। आमतौर पर 10 से 12 साल में कर्ज चुकाने की अधिसूचनाएं जारी होती थीं, लेकिन इस बार लंबी अवधि तय की गई है। प्रदेश सरकार ने कर्ज लेने की वार्षिक सीमा खत्म होने के बाद अब केंद्र सरकार से भारत के संविधान के अनुच्छेद 293-3 के तहत विशेष अनुमति ली है। यह कर्ज लेने के लिए सरकार ने 500-500 करोड़ रुपये की दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। एक अधिसूचना के अनुसार 500 करोड़ रुपये का कर्ज 17 फरवरी, 2035 तक चुकाया जाएगा। दूसरी अधिसूचना के अनुसार, 500 करोड़ रुपये का कर्ज 17 फरवरी, 2036 तक चुकता होगा। पिछले महीने सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया था। करीब एक महीने के अल्पकाल में ही फिर से इसकी अधिसूचनाएं जारी हुई हैं।
हिमाचल ! साल 2021-22 के बजट से ठीक पहले हिमाचल सरकार एक बार फिर 1 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेगी। इससे पहले, बीते माह भी सरकार ने 1000 हजार करोड़ रुपये कर्ज लिया था। लगातार तीसरे महीने सरकार 1 हजार करोड़ रुपये कर्ज ले रही है। ऐसे में अब प्रदेश पर करीब साठ हजार का कर्ज हो गया है। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार से इस संबंध में विशेष मंजूरी लेने के बाद अधिसूचना जारी की गई है। राज्य सरकार का इस वित्तीय वर्ष का व्यय बजट अनुमानों से काफी ऊपर है। बजट सत्र में इसके लिए विधेयक पारित कर अनुपूरक बजट का प्रावधान किया जाएगा। क्योंकि राज्य सरकार को कर्मचारियों, पेंशनरों के वेतन-भत्ते देने में खासी दिक्कत आ रही हैं और विकास कार्यों के लिए भी बजट में कमी है।
कोरोना काल में राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति और भी डगमगा गई है। इसलिए अब लगातार सरकार कर्ज ले रही है.दीर्घकालिक कर्ज को 14-15 साल में चुकता किया जाएगा। आमतौर पर 10 से 12 साल में कर्ज चुकाने की अधिसूचनाएं जारी होती थीं, लेकिन इस बार लंबी अवधि तय की गई है। प्रदेश सरकार ने कर्ज लेने की वार्षिक सीमा खत्म होने के बाद अब केंद्र सरकार से भारत के संविधान के अनुच्छेद 293-3 के तहत विशेष अनुमति ली है। यह कर्ज लेने के लिए सरकार ने 500-500 करोड़ रुपये की दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। एक अधिसूचना के अनुसार 500 करोड़ रुपये का कर्ज 17 फरवरी, 2035 तक चुकाया जाएगा। दूसरी अधिसूचना के अनुसार, 500 करोड़ रुपये का कर्ज 17 फरवरी, 2036 तक चुकता होगा। पिछले महीने सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया था। करीब एक महीने के अल्पकाल में ही फिर से इसकी अधिसूचनाएं जारी हुई हैं।
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