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शिमला ! हरियाणा विधान सभा को पेपरलैस करने के संकल्प के साथ विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता सोमवार को विशेष प्रतिनिधिमंडल के साथ हिमाचल प्रदेश की विधान सभा पहुंचे। यहां उन्होंने ई विधान सभा की बारीकियां समझी और हरियाणा में इसके क्रियान्वयन का रास्ता तलाशा। इस दौरान हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने उन्हें प्रत्येक तकनीकी पहलु के बारे विस्तार से जानकारी दी। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधान सभा के डिजीटलाइजेशन के फायदे और इसकी व्यवहारिकता पर बात की। इससे पहले हिमाचल राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से शिष्टाचार भेंट की। तीनों ही नेताओं ने हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया और हिमाचल की तरफ से हर संभव सहयोग और तकनीकी जानकारी सांझा करने का आश्वासन दिया।प्रतिनिधिमंडल में अंबाला शहर से भाजपा विधायक असीम गोयल, रेवाड़ी से कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव, पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत और विधान सभा सचिवालय के अनेक अधिकारी शामिल रहे। हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार हरियाणा में अपने समकक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को स्वयं सदन तक लेकर गए। वहां उन्होंने और उनके तकनीकी स्टाफ ने ई-विधान सभा के हर पहलु की बारीकियां बताई। हिमाचल विधान सभा की प्रत्येक सीट पर लैपटॉप फिक्स किए हुए हैं। वहीं अध्यक्ष के आसन के सम्मुख एक टैब और लैपटॉप लगाया गया है। सदन में दिनभर होने वाली कार्यवाही का विवरण इन उपकरणों में उपलब्ध करवाया जाता है। बजट और पेश किए जाने वाले अन्य विधेयक एक निश्चित समय अवधि में यहां उपलब्ध होते हैं। प्रश्नकाल के प्रश्न और उनके जवाब निर्धारित समय इन डिवाइसों में मिल जाते हैं। विधान सभा अध्यक्ष और सचिव के बीच संदेशों के आदान प्रदान के लिए टैब में अलग से फीचर दिया गया है। इसके साथ ही सदन संचालन की नियमावली हर वक्त स्क्रीन पर उपलब्ध रहती है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि विधान सभा के डिजिटलाइजेशन से कार्य प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी हो गई है। इससे कार्य की रफ्तार भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इससे विधायक भी संतुष्ट हैं। विधान सभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बताया कि उनके यहां किसी भी बिल की मात्र 11 हार्ड कॉपी ली जाती हैं। शेष सभी कार्य डिजीटल मध्यम से ही होते हैं। यहां विधायक की हाजिरी भी टैब से लगती है। कैग रिपोर्ट भी ई माध्यम से पेश की जाती ही। इसके साथ ही विधान सभा का पुराने रिकार्ड का भी डिजिटलाइजेशन कर दिया गया है। विधान सभा के 1971 के बाद के सभी दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई विधायक ऑफलाइन प्रश्न या अन्य कोई दस्तावेज देता है तो उसे विधान सभा सचिवालय ऑनलाइन कर देता है। इस अवसर पर हरियाणा विधान सभा के संयुक्त सचिव नरेन दत्त, विस अध्यक्ष के निजी सचिव अमित गुप्ता, मीडिया एवम् संचार अधिकारी दिनेश कुमार, सिस्टम एनालिस्ट सुनील दत्त, सहायक अभियंता संदीप कुमार उपस्थित रहे।
शिमला ! हरियाणा विधान सभा को पेपरलैस करने के संकल्प के साथ विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता सोमवार को विशेष प्रतिनिधिमंडल के साथ हिमाचल प्रदेश की विधान सभा पहुंचे। यहां उन्होंने ई विधान सभा की बारीकियां समझी और हरियाणा में इसके क्रियान्वयन का रास्ता तलाशा। इस दौरान हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने उन्हें प्रत्येक तकनीकी पहलु के बारे विस्तार से जानकारी दी। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधान सभा के डिजीटलाइजेशन के फायदे और इसकी व्यवहारिकता पर बात की। इससे पहले हिमाचल राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से शिष्टाचार भेंट की। तीनों ही नेताओं ने हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया और हिमाचल की तरफ से हर संभव सहयोग और तकनीकी जानकारी सांझा करने का आश्वासन दिया।प्रतिनिधिमंडल में अंबाला शहर से भाजपा विधायक असीम गोयल, रेवाड़ी से कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव, पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत और विधान सभा सचिवालय के अनेक अधिकारी शामिल रहे।
हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार हरियाणा में अपने समकक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को स्वयं सदन तक लेकर गए। वहां उन्होंने और उनके तकनीकी स्टाफ ने ई-विधान सभा के हर पहलु की बारीकियां बताई।
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हिमाचल विधान सभा की प्रत्येक सीट पर लैपटॉप फिक्स किए हुए हैं। वहीं अध्यक्ष के आसन के सम्मुख एक टैब और लैपटॉप लगाया गया है। सदन में दिनभर होने वाली कार्यवाही का विवरण इन उपकरणों में उपलब्ध करवाया जाता है। बजट और पेश किए जाने वाले अन्य विधेयक एक निश्चित समय अवधि में यहां उपलब्ध होते हैं। प्रश्नकाल के प्रश्न और उनके जवाब निर्धारित समय इन डिवाइसों में मिल जाते हैं। विधान सभा अध्यक्ष और सचिव के बीच संदेशों के आदान प्रदान के लिए टैब में अलग से फीचर दिया गया है। इसके साथ ही सदन संचालन की नियमावली हर वक्त स्क्रीन पर उपलब्ध रहती है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि विधान सभा के डिजिटलाइजेशन से कार्य प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी हो गई है। इससे कार्य की रफ्तार भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इससे विधायक भी संतुष्ट हैं। विधान सभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बताया कि उनके यहां किसी भी बिल की मात्र 11 हार्ड कॉपी ली जाती हैं। शेष सभी कार्य डिजीटल मध्यम से ही होते हैं। यहां विधायक की हाजिरी भी टैब से लगती है। कैग रिपोर्ट भी ई माध्यम से पेश की जाती ही। इसके साथ ही विधान सभा का पुराने रिकार्ड का भी डिजिटलाइजेशन कर दिया गया है। विधान सभा के 1971 के बाद के सभी दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई विधायक ऑफलाइन प्रश्न या अन्य कोई दस्तावेज देता है तो उसे विधान सभा सचिवालय ऑनलाइन कर देता है। इस अवसर पर हरियाणा विधान सभा के संयुक्त सचिव नरेन दत्त, विस अध्यक्ष के निजी सचिव अमित गुप्ता, मीडिया एवम् संचार अधिकारी दिनेश कुमार, सिस्टम एनालिस्ट सुनील दत्त, सहायक अभियंता संदीप कुमार उपस्थित रहे।
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