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हिमाचल किसान सभा ने कांगड़ा के फतेहपुर के रियाली और इंदौरा के त्योड़ा में भारतीय खाद्य निगम द्वारा धान खरीद केन्द्र खोले जाने का स्वागत किया है और इसके लिए मंड किसान संयुक्त संघर्ष समिति फतेहपुर-इंदौरा, जिला कांगड़ा सहित फतेहपुर और इंदौरा के किसानों को बधाई दी है। किसान सभा का मानना है कि हालांकि अभी भी खरीद केन्द्रों की संख्या कम है और किसानों की मांग इस क्षेत्र में कम से कम 5 खरीद केन्द्र शुरू करने की है परन्तु फिर भी दो खरीद केन्द्र खुल जाने से किसानों को कुछ राहत ज़रूर मिली है। किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि यह मंड क्षेत्र के किसानों के संघर्ष, दबाव और एकजुटता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि गत 20 सितम्बर को फतेहपुर के रियाली में किसानों की एक बड़ी जनसभा हुई थी जिसमें किसानों ने साफ कर दिया था कि अगर किसानों के धान खरीदने का कोई उचित इंतज़ाम न हुआ तो किसान आन्दोलन का रास्ता अपनाने से भी गुरेज़ नहीं करेंगे और तय कर लिया था कि अगर खरीद न हुई तो वे अपना सारा धान प्रशासन के पास रख आएंगे। डॉ. तँवर ने कहा कि मंड क्षेत्र में फतेहपुर और इंदौरा की 25 के करीब पंचायतें आती हैं और जिसमें 5000 परिवार और 25 से 30 हजार की आबादी बसती है। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग 35 किलोमीटर के इस क्षेत्र में मुख्य तौर पर धान, गेहूं, गन्ना नकदी फसलें हैं। इलाके में लगभग डेढ़ लाख क्विंटल धान पैदा होता है जिसे लगभग पिछले 4 दशकों से पंजाब की मंडियों में बेचा जाता था मगर इस बार पंजाब ने हिमाचल का धान खरीदने से इन्कार कर दिया जिसके कारण किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए कोई विकल्प नहीं रह गया था। फसल बेचने की चिन्ता के चलते मंड बैल्ट के किसान 20 सितम्बर को रियाली में एकत्र हुए और हिमाचल किसान सभा के सुझाव पर 'मंड किसान संयुक्त संघर्ष समिति' का गठन किया। 21 सितम्बर को समिति के सदस्य डॉ. निपुण जिंदल से मिले। उपायुक्त से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बावजूद जब बात आगे नहीं बढ़ी तो किसानों ने 2 अक्तूबर को रियाली में फिर से किसान महापंचायत का आयेजन किया और अपनी मांगों को दोहराया। इससे सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाया गया। डॉ. तँवर ने जहां किसानों के प्रति उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल और खाद्य एवं आपूर्ति निगम के निदेशक के.सी. चमन के सकारात्मक रवैये के लिए उनका आभार जताया वहीं किसानों को भी उनकी एकजुटता के लिए बधाई दी। किसान सभा की मांग !! डॉ. तँवर ने सरकार से मांग की है कि किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए मलकाना, टाण्डा (काठगढ़) और भोग्रवां में भी खरीद केन्द्र शुरू किए जाएं। उन्होंने यह भी मांग की है कि किसानों के अनाज की बिक्री में पहले ही काफी विलम्ब हो चुका है इसलिए खरीद 10 अक्तूबर तक शुरू कर दी जाए।
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