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हमीरपुर , 06 अक्टूबर ! मारपीट मामले को लेकर पंचायत का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त हमीरपुर से मिला। प्रतिनिधि मंडल में आए हुए सदस्यों ने बताया कि 29 सितंबर की आधी रात सुजानपुर पुलिस स्टेशन के चार पुलिसकर्मी और गांव के कुछ लोग ज्ञानचंद के घर के बाहर धाक लगाकर बैठे हुए थे। भूतपूर्व सैनिक ज्ञानचंद जब लगभग आधी रात को पानी पीने के लिए घर से बाहर निकले तो चार पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों ने उनके ऊपर हमला बोल दिया। पुलिस वालों ने उनको लातों से पीटा और उनको जमीन पर गिरा दिया गया और उनकी बॉडी के महत्वपूर्ण हिस्सों और सर पर अपने जूते के प्रहार किया और वहां पर मौजूद लोग जो कि इस घटना में शामिल थे। जोर-जोर से चिल्ला रहे थे कि इसे मार डालो। उन्होंने बताए कि काम के कुछ लोग उनके वहां घर बनाने का विरोध कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ज्ञानचंद भूतपूर्व सैनिक 24 बरस से अधिक इंडियन आर्मी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और उन्होंने अपनी सेवाओं के दौरान भारत- चीन युद्ध 1962, भारत-पाक युद्ध 1965, और भारत-पाक युद्ध 1971 में तीन मेडल हासिल किए हैं। जहां तक भूतपूर्व सैनिक ज्ञानचंद की बात है वह इस घटना से सदमे में है और कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। पुलिस लोगों की सुरक्षा करती है लेकिन यहां पुलिस ने कानून को हाथ में लेकर यह कुकृत्य किया है। यह हिमाचल को शर्मसार करने वाली घटना है ऐसी घटनाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगनी चाहिए।प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाई है।
हमीरपुर , 06 अक्टूबर ! मारपीट मामले को लेकर पंचायत का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त हमीरपुर से मिला। प्रतिनिधि मंडल में आए हुए सदस्यों ने बताया कि 29 सितंबर की आधी रात सुजानपुर पुलिस स्टेशन के चार पुलिसकर्मी और गांव के कुछ लोग ज्ञानचंद के घर के बाहर धाक लगाकर बैठे हुए थे।
भूतपूर्व सैनिक ज्ञानचंद जब लगभग आधी रात को पानी पीने के लिए घर से बाहर निकले तो चार पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों ने उनके ऊपर हमला बोल दिया। पुलिस वालों ने उनको लातों से पीटा और उनको जमीन पर गिरा दिया गया और उनकी बॉडी के महत्वपूर्ण हिस्सों और सर पर अपने जूते के प्रहार किया और वहां पर मौजूद लोग जो कि इस घटना में शामिल थे। जोर-जोर से चिल्ला रहे थे कि इसे मार डालो। उन्होंने बताए कि काम के कुछ लोग उनके वहां घर बनाने का विरोध कर रहे हैं।
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उल्लेखनीय है कि ज्ञानचंद भूतपूर्व सैनिक 24 बरस से अधिक इंडियन आर्मी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और उन्होंने अपनी सेवाओं के दौरान भारत- चीन युद्ध 1962, भारत-पाक युद्ध 1965, और भारत-पाक युद्ध 1971 में तीन मेडल हासिल किए हैं। जहां तक भूतपूर्व सैनिक ज्ञानचंद की बात है वह इस घटना से सदमे में है और कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। पुलिस लोगों की सुरक्षा करती है लेकिन यहां पुलिस ने कानून को हाथ में लेकर यह कुकृत्य किया है। यह हिमाचल को शर्मसार करने वाली घटना है ऐसी घटनाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगनी चाहिए।प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाई है।
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