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सोलन , [ बद्दी ] , 12 सितम्बर [ पंकज गोल्डी ] ! बद्दी के स्थानीय युवा महेश कौशल जो पहले अपनी पुश्तैनी दुकान पर काम करते थे। वह आज स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया करा रहे है। स्वरोजगार अपना कर महेश कौशल ने न केवल अपने खर्चा निकाल रहे वहीं तीन दर्जन लोगों को रोजगार भी दे रहे है। बेटी है अनमोल के तहत अपने इस स्वरोजगार में सिटिंग कार्य बेटियों को दे रहे है। बद्दी क्षेत्र के लोगों के लिए महेश कौशल एक माडल के रूप में ऊभरे है। डेढ दशक पूर्व महेश कौशल अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी पुश्तैनी दुकान पर अपने पिता के साथ हाथ बटाते थे। सरकारी नौकरी के पीछे न भाग कर उन्होंने अपना ही ऐसा काम करने की ठानी जिससे अन्य युवाओं को भी रोजगार मिले। इसे देखते हुए उन्होंने वर्ष 2009 में बद्दी एक छोटी गाडियों की वर्कशाप खोली। वर्कशाप का नाम अपनी स्व. दादी के नाम पर रखा। जिसमें गाडियों की रिपेयर, सर्विस और वाशिंग का कार्य होता है। इस कार्य के लिए उन्होंनें मेकेनिक, डेंटर, पेंटर और वार्शिंग ब्याय को अपने पास कार्य दिया। यही नहीं आफिस में बिल तैयार करने, इंश्योरेंस, जॉब कार्ड भरने के लिए बेटियों की तरजीह दी। पांच बेेटियां अपना सिंटिंग कार्य करके अपने परिवार को पाल रही है। वहीं दो दर्जन से अधिक युवाओं को अन्य कार्य दिया गया है। जो युवा पहले अपने लिए कार्य ढूंढ रहा था। वह वर्तमान में दूसरो के कार्य दे रहा है। कोरोना काल में जब कामगार घर से बाहर नहीं निकल रहे थे तो वर्कशाप को एसेंशियल सर्विस होने के नाते महेश कौशल ने स्वयं स्टोर और आफिस का कार्य स्वयं संभाला। और अपने क्षेत्र के अलावा हरियाणा राज्य के गाडिय़ों की ठीक किया। महेश कौशल ने बताया कि वर्ष 2009 में उन्होंने यह वर्कशाप तो खोल ली लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि कैसे चलेगी। उन्होंने पुराने दिन याद करते हुए बताया कि पहले दिन जब वह अपने छोटे भाई के साथ वर्कशाप गया तो अपने साथ दो वार्शिंग पाउडर के पैके ट भी ले गया। उन्हें यह पता नहीं था कि वाशिंग पाऊडर से गाड़ी नहीं धुलती । इसके लिए विशेष प्रकार का शैंपू होता है। धीरे धीरे उन्हें हर बात का पता चलता रहा। गाड़ी के रिपेयर का एस्टीमेट देने के लिए उनके छोटे भाई रमन कौशल ने भी उनका साथ दिया और कुछ ही दिनों में वह कस्टमर को एस्टीमेट देना भी सीख गए। और अब उनके वर्कशाप में काम की गुणवत्ता से जानी जाती है। यहीं नहीं वर्कशाप में जहां गाडियों की रिपेयर का कार्य होता है वहीं उनके छोटे भाई उनके साथ गाडियों की इश्योंरेंस का भी काम करते है। जिससे वाहन चालक को भटकना नहीं पड़े। कुछ लोग क्लैम के तहत गाड़ी रिपेयर करते है जिसमें उनका छोटा भाई रमन कौशल उनकी मदद करते है।
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