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सोलन ,26 दिसंबर ! एचआरटीसी के कई कंडक्टर ही डूबा रहे लुटिया अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता यह बात हर पहलु पर लागु होती है या तो आप अपने अनुभव का सदुपयोग करे या फिर दुरूपयोग करे। ऐसा ही हिमाचल पथ परिवहन की बसों में परिचालक कर रहे है। क्षेत्रीय प्रबंधक ने एक माह के भीतर परिचालकों की दस हजार रुपये की चोरी पकडी है। जिसमें परिचालक बिना टिकट के यात्रियों को सफर करवा कर अपनी जेब गई कर रहे थे । बिती देर षाम क्षेत्रीय प्रबंधक सुरेन्द्र राजपूत ने परवाणु डिपु की हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस जो कि अम्बाला से बद्दी की और जा रही थी जिसे बद्ी के समीप चैक किया गया तो 70 सवारियों में से 45 सवारियों के टिकिट नहीं बने तब जो दर्षाता है हिमाचल पथ परिवहन निगम घाटे में क्यू जा रहा है। इसका एक बडा कारण परिचालकों की टिकिट चोरी भी है।. क्षेंत्रीय प्रबंधक सुरेन्द्र राजपुत ने बताया कि गत सांय उन्हांेने जब एक बस को चैक किया तो कंडक्टर द्वारा 45 सवारियों को टिकिट नहीं दिये गये थे जिन्हें दिये गये थे उन्हें दूसरे रूट के व हाथ से बनाकार दिये गये थे। जिसमें कंडक्टर सीधे सीधे 4500 रुपये की चोरी करते पाया गया । जिस पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी । निश्चित तौर पर कर्ज तले दबी सरकार को उनके ही परिवहन विभाग से भी चपत लग रही है। यदि कड़ाई से हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को चेक किया जाये तो काफी हद तक निगम को घाटे से उभारा जा सकता है।
सोलन ,26 दिसंबर ! एचआरटीसी के कई कंडक्टर ही डूबा रहे लुटिया अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता यह बात हर पहलु पर लागु होती है या तो आप अपने अनुभव का सदुपयोग करे या फिर दुरूपयोग करे। ऐसा ही हिमाचल पथ परिवहन की बसों में परिचालक कर रहे है। क्षेत्रीय प्रबंधक ने एक माह के भीतर परिचालकों की दस हजार रुपये की चोरी पकडी है। जिसमें परिचालक बिना टिकट के यात्रियों को सफर करवा कर अपनी जेब गई कर रहे थे । बिती देर षाम क्षेत्रीय प्रबंधक सुरेन्द्र राजपूत ने परवाणु डिपु की हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस जो कि अम्बाला से बद्दी की और जा रही थी जिसे बद्ी के समीप चैक किया गया तो 70 सवारियों में से 45 सवारियों के टिकिट नहीं बने तब जो दर्षाता है हिमाचल पथ परिवहन निगम घाटे में क्यू जा रहा है।
इसका एक बडा कारण परिचालकों की टिकिट चोरी भी है।. क्षेंत्रीय प्रबंधक सुरेन्द्र राजपुत ने बताया कि गत सांय उन्हांेने जब एक बस को चैक किया तो कंडक्टर द्वारा 45 सवारियों को टिकिट नहीं दिये गये थे जिन्हें दिये गये थे उन्हें दूसरे रूट के व हाथ से बनाकार दिये गये थे। जिसमें कंडक्टर सीधे सीधे 4500 रुपये की चोरी करते पाया गया । जिस पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी ।
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निश्चित तौर पर कर्ज तले दबी सरकार को उनके ही परिवहन विभाग से भी चपत लग रही है। यदि कड़ाई से हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों को चेक किया जाये तो काफी हद तक निगम को घाटे से उभारा जा सकता है।
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