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सोलन , 18 अक्टूबर ! शारदीय नवरात्रो के चौथे दिन आज मां के चौथे स्वरूप कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जा रही है। सोलन स्थित माता शूलिनी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। भक्त आस्था के साथ उपवास रखकर माता शूलिनी के मंदिर पहुंच रहे है। व मां की विधिवत पूजा अर्चना कर रहे है। वहीं मंदिर परिसर में भजन र्कीतन से माहौल पूरी तरह से भक्तिमय बना हुआ है। मान्यता है कि माता कुश्मांडा ने ही संसार की रचना की है। मां कुष्मांडा को दुखो को हरने वाली कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन व श्रद्धा से माता की विधिवत पूजा अर्चना करते है माता उनकी सभी मनोकानओं को पूर्ण करती है। हमारें संवाददाता से बात करते हुए शूलिनी मंदिर में आये भक्तों ने बताया कि माता शूलिनी में उनकी अपार आस्था है। व वह दूर दूर से माता के दर्शन करने मंदिर पहुंचते है। भक्तों ने बताया कि माता शूलिनी सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। जो भी मां के दरबार में सच्चे मन से पूजा अर्चना करते है उनकी बिगड़ी अवश्य बनती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने मां के दरबार में आने के बाद प्रत्यक्ष चमत्कार देखे है।
सोलन , 18 अक्टूबर ! शारदीय नवरात्रो के चौथे दिन आज मां के चौथे स्वरूप कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जा रही है। सोलन स्थित माता शूलिनी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। भक्त आस्था के साथ उपवास रखकर माता शूलिनी के मंदिर पहुंच रहे है। व मां की विधिवत पूजा अर्चना कर रहे है। वहीं मंदिर परिसर में भजन र्कीतन से माहौल पूरी तरह से भक्तिमय बना हुआ है।
मान्यता है कि माता कुश्मांडा ने ही संसार की रचना की है। मां कुष्मांडा को दुखो को हरने वाली कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन व श्रद्धा से माता की विधिवत पूजा अर्चना करते है माता उनकी सभी मनोकानओं को पूर्ण करती है।
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हमारें संवाददाता से बात करते हुए शूलिनी मंदिर में आये भक्तों ने बताया कि माता शूलिनी में उनकी अपार आस्था है। व वह दूर दूर से माता के दर्शन करने मंदिर पहुंचते है। भक्तों ने बताया कि माता शूलिनी सभी की मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। जो भी मां के दरबार में सच्चे मन से पूजा अर्चना करते है उनकी बिगड़ी अवश्य बनती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने मां के दरबार में आने के बाद प्रत्यक्ष चमत्कार देखे है।
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