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सोलन ,[ परवाणू ] 04 जनवरी [ पंकज गोल्डी ] ! राज्य कर व आबकारी विभाग के दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवानू कार्यालय की ओर से एक राष्ट्रीयकृत बैंक को 69,91,14,283.00 कर ब्याज व जुर्माना राशि 90 दिन के भीतर सरकारी खजाने मे जमा करने के आदेश जारी किए थे। जिसके अनुपालन में बैंक ने दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र के साथ ऑनलाइन अग्रिम जमा के रूप में 4,33,67,500 रुपये जमा किए। बैंक के प्रबंधन ने आयुक्त-अपील दायर करने के लिए जीएसटी कानून के तहत उपलब्ध कानूनी उपाय तलाशने का फैसला किया। यहां यह दोहराया जाता है कि जीएसटी के तहत अपील प्रणाली ऑनलाइन पोर्टल आधारित है जो किसी भी अपील को तब तक स्वीकार नहीं करती है जब तक कि टैक्स डिमांड नोटिस के अनुसार कर राशि का 10 फीसदी जमा नहीं किया जाता है।जानकारी के अनुसार यह मामला इंटरनल जेंस टूल्स के जरिए विभाग के संज्ञान में माह अप्रैल 2022 में आया व जी.एस.टी. नियमानुसार नोटिस प्रक्रिया के माध्यम से मामले में कार्यवाही अमल में लाई गई। तदोपरांत अंतिम आदेश बैंक के विरुद्ध पारित किए गये। उन्होंने बताया कि बैंक द्वारा जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 17 के तहत बनाए गए नियमों की अवहेलना की जा रही थी। जो कि वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक यह अनियमितता बरती गई। बैंक प्रत्येक वर्ष तय नियमों के तहत अपनी शाखाओं से की गई खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस करने में चूक हुई है। जिसे समय रहते जी.एस.टी. नियमों के तहत बैंक द्वारा की गई कर मुक्त आपूर्ति पर अनुपात में किया जाना अपेक्षित था। इस मामले को 6 माह की कार्यवाही के बाद अंतिम आदेश जारी किए गये। दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने पुष्टि करते हुए बताया कि उक्त मामला इनपुट क्रेडिट वापसी का है। जो अप्रैल माह मे विभाग के संज्ञान में आया था। इसके अलावा, अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कानूनी कार्यवाही जारी की गई है, जो अधिनिर्णय के विभिन्न चरणों में हैं। अब तक कुल 7 बैंक और वित्तीय संस्थान जिनमें रु. 71,38,58,682/-नोटिस जारी किया गए है, जिन्हे वित्तीय वर्ष के अंत तक अंतिम रूप दिया जाएगा। इन बैंकों और वित्तीय संस्थानों को पहले से ही किसी भी कर मुक्त या छूट वाली आपूर्ति के बावजूद 50 फीसदी सीधे आईटीसी लाभ का अधिमान्य किया जाता है। यह छूट बाकी करदाताओं के लिए उपलब्ध नहीं है। संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने खुलासा किया कि वर्तमान साल-2022-23 में उनकी ओर से अब तक 15 मामलों में 175 करोड़ रुपये के टैक्स डिमांड आदेश जारी किये जा चुके हैं जिनमें से 10 अपील प्रक्रिया में हैं । वर्ष 2021-22 में 8 मामलों में अपील की गई थी। अभी तक जिनमें 3 मामलों में आयुक्त अपील की ओर से निर्णय लिया गया है। साउथ इंफोर्समेंट जोन-परवाणू में सभी मामलों में जीएसटी कानून में निर्धारित कानूनी प्रावधान और कानून की उचित प्रक्रिया के मानदंडों का अनुपालन करते हुए किसी भी कार्यवाही को उच्चतम प्रोफेशनल तरीके से जांच की जाती है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन ,[ परवाणू ] 04 जनवरी [ पंकज गोल्डी ] ! राज्य कर व आबकारी विभाग के दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवानू कार्यालय की ओर से एक राष्ट्रीयकृत बैंक को 69,91,14,283.00 कर ब्याज व जुर्माना राशि 90 दिन के भीतर सरकारी खजाने मे जमा करने के आदेश जारी किए थे। जिसके अनुपालन में बैंक ने दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र के साथ ऑनलाइन अग्रिम जमा के रूप में 4,33,67,500 रुपये जमा किए।
बैंक के प्रबंधन ने आयुक्त-अपील दायर करने के लिए जीएसटी कानून के तहत उपलब्ध कानूनी उपाय तलाशने का फैसला किया। यहां यह दोहराया जाता है कि जीएसटी के तहत अपील प्रणाली ऑनलाइन पोर्टल आधारित है जो किसी भी अपील को तब तक स्वीकार नहीं करती है जब तक कि टैक्स डिमांड नोटिस के अनुसार कर राशि का 10 फीसदी जमा नहीं किया जाता है।जानकारी के अनुसार यह मामला इंटरनल जेंस टूल्स के जरिए विभाग के संज्ञान में माह अप्रैल 2022 में आया व जी.एस.टी. नियमानुसार नोटिस प्रक्रिया के माध्यम से मामले में कार्यवाही अमल में लाई गई।
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तदोपरांत अंतिम आदेश बैंक के विरुद्ध पारित किए गये। उन्होंने बताया कि बैंक द्वारा जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 17 के तहत बनाए गए नियमों की अवहेलना की जा रही थी। जो कि वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक यह अनियमितता बरती गई। बैंक प्रत्येक वर्ष तय नियमों के तहत अपनी शाखाओं से की गई खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस करने में चूक हुई है। जिसे समय रहते जी.एस.टी. नियमों के तहत बैंक द्वारा की गई कर मुक्त आपूर्ति पर अनुपात में किया जाना अपेक्षित था। इस मामले को 6 माह की कार्यवाही के बाद अंतिम आदेश जारी किए गये।
दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने पुष्टि करते हुए बताया कि उक्त मामला इनपुट क्रेडिट वापसी का है। जो अप्रैल माह मे विभाग के संज्ञान में आया था। इसके अलावा, अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कानूनी कार्यवाही जारी की गई है, जो अधिनिर्णय के विभिन्न चरणों में हैं। अब तक कुल 7 बैंक और वित्तीय संस्थान जिनमें रु. 71,38,58,682/-नोटिस जारी किया गए है, जिन्हे वित्तीय वर्ष के अंत तक अंतिम रूप दिया जाएगा।
इन बैंकों और वित्तीय संस्थानों को पहले से ही किसी भी कर मुक्त या छूट वाली आपूर्ति के बावजूद 50 फीसदी सीधे आईटीसी लाभ का अधिमान्य किया जाता है। यह छूट बाकी करदाताओं के लिए उपलब्ध नहीं है। संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने खुलासा किया कि वर्तमान साल-2022-23 में उनकी ओर से अब तक 15 मामलों में 175 करोड़ रुपये के टैक्स डिमांड आदेश जारी किये जा चुके हैं जिनमें से 10 अपील प्रक्रिया में हैं ।
वर्ष 2021-22 में 8 मामलों में अपील की गई थी। अभी तक जिनमें 3 मामलों में आयुक्त अपील की ओर से निर्णय लिया गया है। साउथ इंफोर्समेंट जोन-परवाणू में सभी मामलों में जीएसटी कानून में निर्धारित कानूनी प्रावधान और कानून की उचित प्रक्रिया के मानदंडों का अनुपालन करते हुए किसी भी कार्यवाही को उच्चतम प्रोफेशनल तरीके से जांच की जाती है।
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