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सोलन ! डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के पादप रोग विज्ञान विभाग द्वारा हिमालयन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी के सहयोग से विश्वविद्यालय में 'प्लांट हेल्थ मैनेजमेंट बियॉन्ड 2020' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में 5-6 मई को किया जा रहा है। इस संगोष्ठी को हिमाचल प्रदेश की स्थापना की स्वर्ण जयंती और पादप रोग विज्ञान विभाग के गठन के 56 साल पूरे होने पर किया जा रहा है। कोविड़ 19 दिशानिर्देशों के पालन करते हुए इस आयोजन को ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा। 'हिमालयन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी वर्ष 2017 में बनाई गई थी। हिमालय एवं अन्य क्षेत्रों में फसलों के लिए विकसित रोग प्रबंधन प्रथाओं और पादप रोग विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करने की दृष्टि के साथ इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत 20 से अधिक संस्थानों के प्रख्यात वैज्ञानिक अनेक विषयों पर अपने व्याख्यान देंगे। अलग अलग सत्र के मुख्य वक्ता स्मार्ट कृषि विज्ञान पर व्याख्यान से ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि नई तकनीकों के प्रसार से कृषि क्षेत्र को उत्पादकता और लाभ के अगले स्तर तक ले जाया जा सके। इस दो दिवसीय आयोजन के दौरान प्लांट पैथोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ आर.एल. मुंजाल बेस्ट पीएचडी थीसिस अवार्ड, यंग साइंटिस्ट अवार्ड, इनोवेटिव फार्मर और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड्स भी दिए जाएंगे।
सोलन ! डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के पादप रोग विज्ञान विभाग द्वारा हिमालयन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी के सहयोग से विश्वविद्यालय में 'प्लांट हेल्थ मैनेजमेंट बियॉन्ड 2020' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में 5-6 मई को किया जा रहा है।
इस संगोष्ठी को हिमाचल प्रदेश की स्थापना की स्वर्ण जयंती और पादप रोग विज्ञान विभाग के गठन के 56 साल पूरे होने पर किया जा रहा है। कोविड़ 19 दिशानिर्देशों के पालन करते हुए इस आयोजन को ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में आयोजित किया जाएगा।
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'हिमालयन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी वर्ष 2017 में बनाई गई थी। हिमालय एवं अन्य क्षेत्रों में फसलों के लिए विकसित रोग प्रबंधन प्रथाओं और पादप रोग विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करने की दृष्टि के साथ इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत 20 से अधिक संस्थानों के प्रख्यात वैज्ञानिक अनेक विषयों पर अपने व्याख्यान देंगे। अलग अलग सत्र के मुख्य वक्ता स्मार्ट कृषि विज्ञान पर व्याख्यान से ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि नई तकनीकों के प्रसार से कृषि क्षेत्र को उत्पादकता और लाभ के अगले स्तर तक ले जाया जा सके।
इस दो दिवसीय आयोजन के दौरान प्लांट पैथोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ आर.एल. मुंजाल बेस्ट पीएचडी थीसिस अवार्ड, यंग साइंटिस्ट अवार्ड, इनोवेटिव फार्मर और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड्स भी दिए जाएंगे।
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