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सोलन ! डॉ वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के सहयोग से भारतीय शिक्षण मंडल और नीति आयोग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यान्वयन में शिक्षकों की भूमिका-जागरूकता, अभिविन्यास, चुनौतियों और प्रतिक्रियाओं विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के शिक्षकों ने भाग लिया। हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय (एचपीटीयू) के कुलपति प्रो॰ एसपी बंसल इस वेबिनर में मुख्य अतिथि रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता नौणी विवि के कुलपति डॉ परविंदर कौशल द्वारा की गई। डॉ उदय शर्मा ने मुख्य अतिथि, कार्यक्रम अध्यक्ष और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो॰ एसपी बंसल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। उन्होंने शिक्षकों से शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नीति में न केवल छात्रों का ध्यान रखा गया है बल्कि संकाय की प्रशिक्षण आवश्यकताओं की तरफ भी गौर किया गया है। उन्होनें कहा कि सभी शिक्षकों को अपने कौशल को बढ़ाने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें छात्रों को प्रशिक्षित करना होगा। डॉ परविंदर कौशल ने कहा कि हमें अपनी मातृ भाषा और क्षेत्रीय भाषाओं पर गर्व करना होगा। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि उन विषयों में, जहाँ यह संभव हो, हिंदी या क्षेत्रीय भाषाओं में अध्यापन का प्रयास करें, ताकि युवा पीढ़ी को यह ज्ञान प्रदान किया जा सके। उनका विचार था कि शिक्षकों को नीति को अवश्य पढ़ना चाहिए ताकि दूसरों को भी इसके लाभों से अवगत कराया जा सके। डॉ कौशल ने शिक्षा नीति में अकादमिक बैंक क्रेडिट सिस्टम और कई प्रवेश-निकास प्रणाली जैसे कई ऐतिहासिक फैसलों की सराहना की। दूसरे सत्र के दौरान, सभी प्रतिभागियों को टीमों में बांटा गया। टीम के सदस्यों के बीच शिक्षा नीति के कई पहलुओं पर एक साथ पाँच चर्चा सत्र आयोजित किए गए। टीम के लीडर ने विचार-विमर्श सत्र के दौरान चर्चा की रिपोर्ट अंतिम सत्र में प्रस्तुत की। इससे पहले, भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख पंकज नाफड़े ने भी शिक्षा नीति पर अपने विचार साझा किए और नीति के बारे में विस्तार से बताया। प्रो॰ कुलभूषण चंदेल, डीन शैक्षणिक एचपीटीयू और भारतीय शिक्षण मंडल हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। डॉ मनिका तोमर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
सोलन ! डॉ वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के सहयोग से भारतीय शिक्षण मंडल और नीति आयोग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यान्वयन में शिक्षकों की भूमिका-जागरूकता, अभिविन्यास, चुनौतियों और प्रतिक्रियाओं विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के शिक्षकों ने भाग लिया।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय (एचपीटीयू) के कुलपति प्रो॰ एसपी बंसल इस वेबिनर में मुख्य अतिथि रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता नौणी विवि के कुलपति डॉ परविंदर कौशल द्वारा की गई। डॉ उदय शर्मा ने मुख्य अतिथि, कार्यक्रम अध्यक्ष और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।
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इस अवसर पर प्रो॰ एसपी बंसल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। उन्होंने शिक्षकों से शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नीति में न केवल छात्रों का ध्यान रखा गया है बल्कि संकाय की प्रशिक्षण आवश्यकताओं की तरफ भी गौर किया गया है। उन्होनें कहा कि सभी शिक्षकों को अपने कौशल को बढ़ाने की आवश्यकता होगी क्योंकि उन्हें छात्रों को प्रशिक्षित करना होगा।
डॉ परविंदर कौशल ने कहा कि हमें अपनी मातृ भाषा और क्षेत्रीय भाषाओं पर गर्व करना होगा। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि उन विषयों में, जहाँ यह संभव हो, हिंदी या क्षेत्रीय भाषाओं में अध्यापन का प्रयास करें, ताकि युवा पीढ़ी को यह ज्ञान प्रदान किया जा सके। उनका विचार था कि शिक्षकों को नीति को अवश्य पढ़ना चाहिए ताकि दूसरों को भी इसके लाभों से अवगत कराया जा सके। डॉ कौशल ने शिक्षा नीति में अकादमिक बैंक क्रेडिट सिस्टम और कई प्रवेश-निकास प्रणाली जैसे कई ऐतिहासिक फैसलों की सराहना की। दूसरे सत्र के दौरान, सभी प्रतिभागियों को टीमों में बांटा गया। टीम के सदस्यों के बीच शिक्षा नीति के कई पहलुओं पर एक साथ पाँच चर्चा सत्र आयोजित किए गए। टीम के लीडर ने विचार-विमर्श सत्र के दौरान चर्चा की रिपोर्ट अंतिम सत्र में प्रस्तुत की।
इससे पहले, भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख पंकज नाफड़े ने भी शिक्षा नीति पर अपने विचार साझा किए और नीति के बारे में विस्तार से बताया। प्रो॰ कुलभूषण चंदेल, डीन शैक्षणिक एचपीटीयू और भारतीय शिक्षण मंडल हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। डॉ मनिका तोमर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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