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सोलन ,14 जनवरी ! हंडूर रियासत के राजा रामशरण के समय से करीब 300 वर्ष पूर्व शुरू हुए ऐतिहासिक पीरस्थान का लोहड़ी मेला शनिवार से शुरू हो गया है। और आगामी चार दिनों तक यह मेले सजने वाला है । मेले को लेकर झूले, चंडोल व दुकानें सज गई है। ऐतिहासिक पीरस्थान लोहड़ी मेले के चलते स्थानीय प्रशासन ने भी 15 जनवरी को लोकल होलीडे की भी घोषणा की है , जिसके चलते दूसरे दिन रविवार का अवकाश होने के कारण मेले में भारी संख्या में श्रद्धालुओं भीड़ नजर आ रही है । पहले दिन सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने लख दाता पीर बाबा के मंदिर पीरस्थान में माथा टेककर मनतें मांगीं। इस मेले का शुभारंभ लोहड़ी पर्व के दिन होता है और पीरस्थान स्थित लखदाता लाला वाले पीर की प्राचीन दरगाह पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाने यहां आते हैं। लखदाता पीर के नाम से ही इस स्थान का नाम पीरस्थान पड़ा है और यह मेला दून व नालागढ़ विस क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला होता है और इस मेले में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ आदि के लोग यहां आते है।
सोलन ,14 जनवरी ! हंडूर रियासत के राजा रामशरण के समय से करीब 300 वर्ष पूर्व शुरू हुए ऐतिहासिक पीरस्थान का लोहड़ी मेला शनिवार से शुरू हो गया है। और आगामी चार दिनों तक यह मेले सजने वाला है । मेले को लेकर झूले, चंडोल व दुकानें सज गई है।
ऐतिहासिक पीरस्थान लोहड़ी मेले के चलते स्थानीय प्रशासन ने भी 15 जनवरी को लोकल होलीडे की भी घोषणा की है , जिसके चलते दूसरे दिन रविवार का अवकाश होने के कारण मेले में भारी संख्या में श्रद्धालुओं भीड़ नजर आ रही है । पहले दिन सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने लख दाता पीर बाबा के मंदिर पीरस्थान में माथा टेककर मनतें मांगीं।
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इस मेले का शुभारंभ लोहड़ी पर्व के दिन होता है और पीरस्थान स्थित लखदाता लाला वाले पीर की प्राचीन दरगाह पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाने यहां आते हैं। लखदाता पीर के नाम से ही इस स्थान का नाम पीरस्थान पड़ा है और यह मेला दून व नालागढ़ विस क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला होता है और इस मेले में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ आदि के लोग यहां आते है।
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