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सोलन [ बद्दी ] , 27 अप्रैल [ पंकज गोल्डी ] ! हिमाचल व पंजाब को जोडने वाले दभोटा पुल का निर्माण न करने पर बी.बी.एन के उद्योग जगत ने खफा होकर क्षतिग्रस्त पुल के उपर धरना दिया और पंजाब एवं हिमाचल सरकार के विरुद्व जमकर नारेबाजी की। उद्यमियों व सामाजिक संस्थाओं ने ट्रांसपोर्ट यूनियनों के साथ मिलकर उद्योग संगठन लघु उद्योग संघ के बैनर तले शनिवार सुबह ही दभोटा पुल पर डेरा ड़ाल लिया जिससे पंजाब सरकार भी सकते में आ गई। पंजाब सरकार को आशा नहीं थी कि इतनी संख्या में लोग यहां आकर पुल पर बैठकर उनकी सरकार के विरुद्व जमकर गुब्बार निकालेंगे। शनिवार सुबह 10 बजे से ही लघु उद्योग संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष अशोक राणा व महामंत्री अनिल मलिक तथा फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के अध्यक्ष चिरंजीव ठाकुर के नेतृत्व क्षतिग्रस्त दभोटा पुल पर जुटने शुरु हो गए। उनको स्थानीय पंचायतों के साथ साथ ट्रांसपोर्ट यूनियनों व रोड सेफटी क्लब का सहयोग मिला। आचार संहिता के दौरान हुए इस धरने प्रदर्शन के कारण किसी भी अप्रिय घटना की आशंका के चलते दोनो राज्यों ने यहां पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया था। पंजाब सरकार को आशंका थी कि यहां पर ट्रैफिक जाम किया जा सकता था इसलिए उन्होने अलग रास्ते से यातायात निकालने का प्लान भी बनाया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमारा उदेश्य पंजाब व हिमाचल सरकार को जगाना है चक्का जाम करना नहीं। प्रदेश के प्रमुख उद्योग संगठन लघु उद्योग संघ के के राज्याध्यक्ष अशोक राणा ने कहा कि यह पंजाब सरकार के लिए शर्म की बात है कि एक पुल 10 माह पहले आंशिक तौर पर टूटा था लेकिन पंजाब सरकार के पास इसकी मुरम्मत के लिए पैसे नहीं है। उन्होने कहा कि वैश्विक स्तर पर देश आगे बढ़ा है लेकिन आज भी हमें चालीस साल पहले नदियों से होकर गुजरना पड़ रहा है इससे हमारे उद्योग जगत को भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा है। हरिओम योगा सोसाईटी के अध्यक्ष डा श्रीकांत शर्मा ने कहा इस दस माह में हमारा संपर्क पंजाब से कट गया है जिसके लिए भगवंत मान सरकार के साथ साथ प्रदेश की सुक्खू सरकार भी बराबर की जिम्मेदार है। आंदोलन को पंजाब के कई आंदोलनकारियों के अलावा हिमाचल कल्याण सभा के अध्यक्ष कुलवीर जम्वाल, रोड सेफटी क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, मोहन लाल, तरलोचन सिंह, व्यापार मंडल के भरतगढ के सदस्य बंटी, लघु उद्योग संघ के उपाध्यक्ष रमेश शर्मा, संजीव राणा, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के राज्याध्यक्ष चिंरजीव सिंह ठाकुर, दभोटा पंचायत के उपप्रधान जगतार सिंह व बीडीसी ने भी संबोधित किया। धरने प्रदर्शन के बाद उद्यमियों व आम लोगों ने एक रोष रैली भी निकाली। यह रोष रैली पुल से होकर उस नदी तक गई जहां से वैकल्पिक तौर पर वाहनों की आवाजाही होती है। लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष अशोक राणा अपनी टीम सहित नंगे पैर नदी में उतरे और उन्होने रोष जताया कि सरकारों के पास सब कुछ है फ्री में बांटने के लिए लेकिन पुल बनाने के लिए पैसे नहीं है। नदी में नंगे पैर उतरने का उनका मकसद था कि सरकारों को जनता की दिक्कतों का पता चले। आंदोलनकारी इसके बाद रोपड डीसी कार्यालय का घेराव करने का एलान कर चुके थे लेकिन इसी बीच पंजाब का सरकारी अम्ला चुनावों के चलते सक्रिय हो गया। पहले आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए एसडीएम आनंदपुर साहिब ने अपने पास बुलाया लेकिन ज्यादा संख्या व आक्राशित लोग देखकर बाद में अपने तहसीलदार राजकल सेखों को मौके पर भेजा। तहसीलदार ने कहा कि इस पुल को लेकर आप सोमवार को आंनदपुर साहिब के एसडीएम को मिलिए ताकि पुल निर्माण की वास्तविक स्थिति का पता चल सके। डा श्रीकांत ने पंजाब के तहसीलदार को पूछा कि हमें रिटन में दिया कि वर्तमान में टेंडर किन कारणों से रुका है अगर हुआ है तो हमें कापी दी जाए। लघु उद्योग संघ के महासचिव अनिल मलिक ने बताया कि आज के सफल प्रदर्शन की मुहिम को रुकने नहीं दिया जाएगा। मलिक ने कहा कि सोमवार सुबह इस मुददे पर एसडीएम आंनदपुर साहिब ने हमें बुलाया है। अगर वहां से न्याय नहीं मिला तो हम डीसी रोपड के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे।
सोलन [ बद्दी ] , 27 अप्रैल [ पंकज गोल्डी ] ! हिमाचल व पंजाब को जोडने वाले दभोटा पुल का निर्माण न करने पर बी.बी.एन के उद्योग जगत ने खफा होकर क्षतिग्रस्त पुल के उपर धरना दिया और पंजाब एवं हिमाचल सरकार के विरुद्व जमकर नारेबाजी की। उद्यमियों व सामाजिक संस्थाओं ने ट्रांसपोर्ट यूनियनों के साथ मिलकर उद्योग संगठन लघु उद्योग संघ के बैनर तले शनिवार सुबह ही दभोटा पुल पर डेरा ड़ाल लिया जिससे पंजाब सरकार भी सकते में आ गई।
पंजाब सरकार को आशा नहीं थी कि इतनी संख्या में लोग यहां आकर पुल पर बैठकर उनकी सरकार के विरुद्व जमकर गुब्बार निकालेंगे। शनिवार सुबह 10 बजे से ही लघु उद्योग संघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष अशोक राणा व महामंत्री अनिल मलिक तथा फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के अध्यक्ष चिरंजीव ठाकुर के नेतृत्व क्षतिग्रस्त दभोटा पुल पर जुटने शुरु हो गए। उनको स्थानीय पंचायतों के साथ साथ ट्रांसपोर्ट यूनियनों व रोड सेफटी क्लब का सहयोग मिला।
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आचार संहिता के दौरान हुए इस धरने प्रदर्शन के कारण किसी भी अप्रिय घटना की आशंका के चलते दोनो राज्यों ने यहां पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया था। पंजाब सरकार को आशंका थी कि यहां पर ट्रैफिक जाम किया जा सकता था इसलिए उन्होने अलग रास्ते से यातायात निकालने का प्लान भी बनाया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमारा उदेश्य पंजाब व हिमाचल सरकार को जगाना है चक्का जाम करना नहीं।
प्रदेश के प्रमुख उद्योग संगठन लघु उद्योग संघ के के राज्याध्यक्ष अशोक राणा ने कहा कि यह पंजाब सरकार के लिए शर्म की बात है कि एक पुल 10 माह पहले आंशिक तौर पर टूटा था लेकिन पंजाब सरकार के पास इसकी मुरम्मत के लिए पैसे नहीं है। उन्होने कहा कि वैश्विक स्तर पर देश आगे बढ़ा है लेकिन आज भी हमें चालीस साल पहले नदियों से होकर गुजरना पड़ रहा है इससे हमारे उद्योग जगत को भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा है।
हरिओम योगा सोसाईटी के अध्यक्ष डा श्रीकांत शर्मा ने कहा इस दस माह में हमारा संपर्क पंजाब से कट गया है जिसके लिए भगवंत मान सरकार के साथ साथ प्रदेश की सुक्खू सरकार भी बराबर की जिम्मेदार है। आंदोलन को पंजाब के कई आंदोलनकारियों के अलावा हिमाचल कल्याण सभा के अध्यक्ष कुलवीर जम्वाल, रोड सेफटी क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, मोहन लाल, तरलोचन सिंह, व्यापार मंडल के भरतगढ के सदस्य बंटी, लघु उद्योग संघ के उपाध्यक्ष रमेश शर्मा, संजीव राणा, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के राज्याध्यक्ष चिंरजीव सिंह ठाकुर, दभोटा पंचायत के उपप्रधान जगतार सिंह व बीडीसी ने भी संबोधित किया।
धरने प्रदर्शन के बाद उद्यमियों व आम लोगों ने एक रोष रैली भी निकाली। यह रोष रैली पुल से होकर उस नदी तक गई जहां से वैकल्पिक तौर पर वाहनों की आवाजाही होती है। लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष अशोक राणा अपनी टीम सहित नंगे पैर नदी में उतरे और उन्होने रोष जताया कि सरकारों के पास सब कुछ है फ्री में बांटने के लिए लेकिन पुल बनाने के लिए पैसे नहीं है। नदी में नंगे पैर उतरने का उनका मकसद था कि सरकारों को जनता की दिक्कतों का पता चले। आंदोलनकारी इसके बाद रोपड डीसी कार्यालय का घेराव करने का एलान कर चुके थे लेकिन इसी बीच पंजाब का सरकारी अम्ला चुनावों के चलते सक्रिय हो गया। पहले आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए एसडीएम आनंदपुर साहिब ने अपने पास बुलाया लेकिन ज्यादा संख्या व आक्राशित लोग देखकर बाद में अपने तहसीलदार राजकल सेखों को मौके पर भेजा। तहसीलदार ने कहा कि इस पुल को लेकर आप सोमवार को आंनदपुर साहिब के एसडीएम को मिलिए ताकि पुल निर्माण की वास्तविक स्थिति का पता चल सके। डा श्रीकांत ने पंजाब के तहसीलदार को पूछा कि हमें रिटन में दिया कि वर्तमान में टेंडर किन कारणों से रुका है अगर हुआ है तो हमें कापी दी जाए।
लघु उद्योग संघ के महासचिव अनिल मलिक ने बताया कि आज के सफल प्रदर्शन की मुहिम को रुकने नहीं दिया जाएगा। मलिक ने कहा कि सोमवार सुबह इस मुददे पर एसडीएम आंनदपुर साहिब ने हमें बुलाया है। अगर वहां से न्याय नहीं मिला तो हम डीसी रोपड के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे।
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