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सोलन ,15 जनवरी ! सोलन में आज उस समय एक बडा हादसा होते हाते टल गया जब एक 108 एंबुलेंस में मरीज को क्षेंत्रीय अस्पताल ले जाते समय टायर फट गया । पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में यदि एबुलेंस का टायर फट जाये तो आप सहजता से समझ सकते है कि एंबुलेंस की हालत कितनी खस्ता है। गौरतलब है कि आज सुबह 108 एबुंलेस मरीज को लेने बसाल गई थी जब पांच किलोमीटर से भी कम सफर तय कर मरीज को लेकर चम्बाघाट पहुंची तो उसका टायर फट गया गनीमत यह रहीं की एंबुलेंस पलटी नहीं व मरीज एबुेंलेस में ही जिंदगी व मौत की जंग करीब 20 मिनट तक लडता रहा । 20 मिनट बाद दूसरी 108 एंबुलेंस में पीडित व्यक्ति को शिफट कर अस्पताल पहुंचाया गया । एबुलेंसो के टायरो व इसकी कंडीशन पहले से ही खस्ता है इसका खुलासा बिते स्पताह भी हुआ जब डाक्टरों की टीम ने 108 का निरीक्षण किया तब भी कई खामियां इसमें पाई गई थी । वहीं कंपनी प्रबधन दावा करती है कि उनकी एबुलेंस सही से कार्य कर रही है। जबकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ऐसा नहीं सरकार की तरफ से फंड नहीं आता लेकिन कंपनी प्रबंधन द्वारा इन गाड़ियों की समय रहते मरम्मत सुनिश्चित नहीं की जाती । निष्चित तौर पर यदि समय रहते गाडियों की मुरम्मत व टायर बदले जाये तो इस तरह के हादसे होने से रोके जा सकते है। बंद ऐसी कमरो में बैठे अधिकारी को चाहिए वह फील्ड में जाकर गाडियों की कंडीशन देखे व उस पर कार्य करे। वहीं 108 के जिला प्रभारी अंशुल शर्मा ने बताया कि उनकी गाड़ियां पूरी तरह से ओके है समय रहते उनकी पासिंग सहित सभी प्रकिया पूर्ण की जाती है। टायर समय रहते बदले जाते है।
सोलन ,15 जनवरी ! सोलन में आज उस समय एक बडा हादसा होते हाते टल गया जब एक 108 एंबुलेंस में मरीज को क्षेंत्रीय अस्पताल ले जाते समय टायर फट गया । पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में यदि एबुलेंस का टायर फट जाये तो आप सहजता से समझ सकते है कि एंबुलेंस की हालत कितनी खस्ता है।
गौरतलब है कि आज सुबह 108 एबुंलेस मरीज को लेने बसाल गई थी जब पांच किलोमीटर से भी कम सफर तय कर मरीज को लेकर चम्बाघाट पहुंची तो उसका टायर फट गया गनीमत यह रहीं की एंबुलेंस पलटी नहीं व मरीज एबुेंलेस में ही जिंदगी व मौत की जंग करीब 20 मिनट तक लडता रहा । 20 मिनट बाद दूसरी 108 एंबुलेंस में पीडित व्यक्ति को शिफट कर अस्पताल पहुंचाया गया ।
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एबुलेंसो के टायरो व इसकी कंडीशन पहले से ही खस्ता है इसका खुलासा बिते स्पताह भी हुआ जब डाक्टरों की टीम ने 108 का निरीक्षण किया तब भी कई खामियां इसमें पाई गई थी । वहीं कंपनी प्रबधन दावा करती है कि उनकी एबुलेंस सही से कार्य कर रही है। जबकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
ऐसा नहीं सरकार की तरफ से फंड नहीं आता लेकिन कंपनी प्रबंधन द्वारा इन गाड़ियों की समय रहते मरम्मत सुनिश्चित नहीं की जाती । निष्चित तौर पर यदि समय रहते गाडियों की मुरम्मत व टायर बदले जाये तो इस तरह के हादसे होने से रोके जा सकते है। बंद ऐसी कमरो में बैठे अधिकारी को चाहिए वह फील्ड में जाकर गाडियों की कंडीशन देखे व उस पर कार्य करे।
वहीं 108 के जिला प्रभारी अंशुल शर्मा ने बताया कि उनकी गाड़ियां पूरी तरह से ओके है समय रहते उनकी पासिंग सहित सभी प्रकिया पूर्ण की जाती है। टायर समय रहते बदले जाते है।
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