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सोलन ! बद्दी में कार्यरत श्रम अधिकारी इन दिनों कामगारों की समस्याओं को दरकिनार कर उद्योगपतियों के हितों का ध्यान रख रहे है। ऐसे ही एक मामले में मजदूर संगठन भामस और इंटक एक साथ सामने आए। बद्दी में प्रेस वार्ता के दौरान भामस के उद्योग प्रभारी मेला राम चंदेल ने कहा कि बद्दी में कार्यरत श्रम अधिकारी उद्योगपतियों का दलाल बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि जिन्नी एंड जोनी उद्योग की महिलाएं पिछले तीन महीने से हड़ताल पर बैठे हुए है। उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। उद्योगपति सरेआम कामगारों का शोषण कर रहे है व जबरन उन्हें उद्योग से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। जब श्रम अधिकारी से इसके बारे में बात की जाती है तो उसका जवाब यही होता है कि वो तो मात्र समझौता अधिकारी है। जब उद्योगपतियों के हितों की बात आती है तो श्रम अधिकारी कामगारों को धमकियां देना शुरू कर देता है व जबरन उन्हें समझौते के लिए बाध्य करवाना पड़ता है। वहीं इंटक प्रदेश अध्यक्ष बबलू पंडित ने कहा कि कुछ कामगार यूनियनों के लोग विधायक का चहेता होने के चलते श्रम अधिकारी से उद्योगों में काम ले रहे हैं। श्रम विभाग ने उद्योगों को लोडिंग अनलोडिंग के लाइसेंस दिए हुए हैं व काम उद्योगों के अंदर हो रहा है। जब श्रम अधिकारी कामगारों की समस्याओं का निराकरण की नहीं करवा सकता व सिर्फ समझौता ही करवा सकता है तो यहां श्रम कार्यालय व अन्य स्टाफ की क्या जरूरत है एक समझौता अधिकारी ही बैठाया जाए। उन्होंने कहा कि यह श्रम अधिकारी कांग्रेस व भाजपा दोनों के कार्यकाल में ही यहां अपनी ट्रांसफर करवा लेता है व कामगारों का शोषण कर उद्योगपतियों के लिए काम करता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐसे अधिकारियों को यहां से तुरंत हटाया जाए।
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