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सोलन , [ बद्दी ] , 02 अक्टूबर [ पंकज गोल्डी ए] ! जो भी सभ्यता संस्कृति बलिदान की प्रेरणा नहीं लेती वो गुलामी की ओर बढ़ जाती है। हम आजाद कैसे हुए से यह बात याद रखना जरूरी है कि हम गुलाम क्यों हुए थे। यह बात आज दशहरा मैदान बददी फेस तीन में स्वयंसेवकों व आम जन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह सोलन सिरमौर कश्मीर सिंह कपिल ने कही। वह बददी नगर के पथ संचलन कार्यक्रम से पहले स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। सर्वप्रथम विभाग कार्यवाह कश्मीर सिंह कपिल और जिला संघचालक महेश कुमार ने भारत माता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए और शस्त्रों की पूजा की। कपिल ने आगे कहा कि हमारी सभ्यता संस्कृति बहुत ही पुरानी है और इसको नष्ट करने का समय समय पर प्रयास होता रहा है लेकिन हिंदू संस्कृति आज भी विराजमान है और पूरे विश्व को हम दिशा दे रहे हैं। उन्होने कहा कि कुछ लोगों ने इस बात को बोल दिया कि बिना खडग बिना ढाल आजादी दिला की बात कही लेकिन उसके साथ साथ लाखों लोगों की बलिदानियों का भी इसमें रोल रहा है। उन्होने कहा कि जब ईसाई और मुस्लिम नहीं थे तो तब भी भारतीय संस्कृति विराजमान थी और हम थे। 17 बार मुगलों ने तो 7 बार अंग्रेजों ने भारत के टुकडे किए लेकिन फिर भी भारत की हस्ती नहीं मिटा सके। उन्होंने कहा कि आज सिर्फ शास्त्र नहीं बल्कि शस्त्रों की पूजा भी बहुत जरुरी है क्योंकि शक्ति की उपासना करने वाले ही दूसरे डरते हैं। कपिन ने कहा कि आरएसएस एक सांस्कृतिक और गैर राजनीतिक संगठन है जिसका कार्य अपनी शाखाओं के माध्यम से राष्ट्र निर्माण करना है। शाखा में आने वाला हर बालक का चारित्रिक निर्माण करना ही हमारी उद्देश्य है ताकि वो राष्ट्र व समाज निर्माण में अहम भूमिका निभा सके। कपिल ने कहा कि आजादी के संघर्ष के दौरान ही उसी समय 1925 में राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने के लिए डा. केशव राम बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। पूरे देश में दैनिक शाखाओं के आधार पर ही संघ का कार्य होता है और यह आज भी विश्व का सबसे बड़ा बिना किसी मदद से चलने वाला गैर सरकारी संगठन है। इसके बाद बददी नगर के स्वयंसेवकों ने शहर में पथ संचलन निकाला। पूरे एरिया में वातावरण संघीय हो गया और स्वयंसेवकों में काफी उत्साह पाया गया।
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