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सोलन ! फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के हिमाचल प्रदेश प्रेजिडेंट सुमित सिंगला ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में करीब सात सौ छोटे बड़े उद्योग हैं देश व प्रदेशों में दवाइयों की सप्लाई कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश का बद्दी जो एशिया का फार्मा जाना जाता है यहां जीवन रक्षक दवाओं सहित विभिन्न गंभीर बीमारियों तक की दवाइयों का उत्पादन होता है। सिंगला ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 30 से 35 हजार करोड़ रुपए की दवाइयों का उत्पादन यहा होता है। वर्ष 2022-23 में पहली बार मेडिसिन बनाने वाली फार्मा उद्योग में उत्पादन में भारी मात्रा में कमी आ रही है जिसके परिणाम स्वरूप उद्योगपति बहुत ज्यादा चिंतित हैं क्योंकि दिन प्रतिदिन सभी उद्योगों के खर्चे बढ़ रहे हैं और मुनाफा बहुत कम हो रहा है। सभी फार्मा उद्योगपतियों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वही कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के बाद फार्मा सेक्टर में बहुत बूम आएगा। सुमित सिंगला ने कहा कि जहां एक और फार्मा उद्योगों में मेडिसिन उत्पादन में गिरावट आई है वही कच्चा माल दिन प्रतिदिन महंगा हुआ है। जो कि एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। सुमित सिंगला ने कहा कि वर्ष 2004 के पैकेज के बाद हिमाचल को बल्क ड्रग पार्क की केन्द्र सरकार ने बहुत बड़ी सौगात दी है,जी बड़े गौरव की बात है। जिसके परिणाम स्वरूप जहां 90% चीन पर निर्भरता थी प्रदेश में यह प्रोजेक्ट लगने के कारण यहां लोगों को जहां रोजगार मिलेगा वहीं पर कम मूल्य पर फार्मा उद्योगों को कच्चा माल उपलब्ध हो सकेगा। वही परिवहन सेवा में भी राहत मिलेगी। सुमित सिंगला ने कहा कि बल्क ड्रग पार्क देश के गुजरात और आंध्र प्रदेश में भी मंजूर हुआ है जो बड़े गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि भविष्य में कच्चा माल लेने के लिए अब चीन पर भारत की निर्भरता कम होगी।
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