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सुंदरनगर ! पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि कोरोना के संकटकाल में स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले में देवभूमि का नाम देशभर में खराब हुआ है। लेकिन हैरत की बात है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सबकुछ जानते हुए भी इन घोटालों से इंकार कर रहे हैं। यदि घोटाला नही हुआ तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने अपने पद से इस्तिफा देते हुए इसकी जांच की मांग क्यों की। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई के उच्च न्यायालय से सीटिंग जज से करवाने की मांग की है ताकि पूरी सच्चाई को सामने लाया जा सके। पूर्व विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री बाहरी राज्यों से प्रदेश में वापिस लाए गए लोगों के बारे में झूठे आंकड़े पेश कर रहे हैं। कह रहे हैं कि सरकार द्वारा अभी तक एक लाख से ज्यादा लोगों को वापिस प्रदेश में लाया गया है। मुख्यमंत्री इस विषय पर भी झूठ पर झूठ बोल कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर हैं। सच्चाई यह है कि बाहरी राज्यों फंसे अधिकांश लोग सरकार नहीं बल्कि अपने स्तर और अपने खर्च पर प्रबंध कर वापिस पहुंचे हैं। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जो सरकार के इन दावों की सरेआम पोल खोलते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नेरचौक मेडिकल कालेज को कोविड-19 अस्पताल घोषित करने के बाद नेरचौक व अन्य अस्पतालों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। अपनी बीमारियों का उपचार करने के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने सुंदरनगर में लगाए जा रहे डिवाइडरों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा लगाए जा रहे यह डिवाइडर परेशानी का सबब बन चुके हैं। अमूमन ऐसे डिवाइडर फोरलेन पर ही लगाए जाते हैं। शहर के बीच इनकी कोई जरुरत नहीं होती है। इस कारण अब आए दिन जाम लगना आम हो गया है। बीते सोमवार को गंभीर बीमारी से पीडि़त मरीज को ले जा रही एंबुलेंस को काफी देर तक जाम में फंसा रहना पड़ा। उन्होंने सांसद राम स्वरुप शर्मा द्वारा कांग्रेस कार्यकाल में स्थापित एसआरएल लैब पर उठाए सवाल पर उन्हें इसकी जांच करवाने की सलाह दी।
सुंदरनगर ! पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि कोरोना के संकटकाल में स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले में देवभूमि का नाम देशभर में खराब हुआ है। लेकिन हैरत की बात है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सबकुछ जानते हुए भी इन घोटालों से इंकार कर रहे हैं। यदि घोटाला नही हुआ तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने अपने पद से इस्तिफा देते हुए इसकी जांच की मांग क्यों की।
उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई के उच्च न्यायालय से सीटिंग जज से करवाने की मांग की है ताकि पूरी सच्चाई को सामने लाया जा सके। पूर्व विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री बाहरी राज्यों से प्रदेश में वापिस लाए गए लोगों के बारे में झूठे आंकड़े पेश कर रहे हैं। कह रहे हैं कि सरकार द्वारा अभी तक एक लाख से ज्यादा लोगों को वापिस प्रदेश में लाया गया है। मुख्यमंत्री इस विषय पर भी झूठ पर झूठ बोल कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर हैं। सच्चाई यह है कि बाहरी राज्यों फंसे अधिकांश लोग सरकार नहीं बल्कि अपने स्तर और अपने खर्च पर प्रबंध कर वापिस पहुंचे हैं। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जो सरकार के इन दावों की सरेआम पोल खोलते हैं।
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उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नेरचौक मेडिकल कालेज को कोविड-19 अस्पताल घोषित करने के बाद नेरचौक व अन्य अस्पतालों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। अपनी बीमारियों का उपचार करने के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने सुंदरनगर में लगाए जा रहे डिवाइडरों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा लगाए जा रहे यह डिवाइडर परेशानी का सबब बन चुके हैं। अमूमन ऐसे डिवाइडर फोरलेन पर ही लगाए जाते हैं। शहर के बीच इनकी कोई जरुरत नहीं होती है।
इस कारण अब आए दिन जाम लगना आम हो गया है। बीते सोमवार को गंभीर बीमारी से पीडि़त मरीज को ले जा रही एंबुलेंस को काफी देर तक जाम में फंसा रहना पड़ा। उन्होंने सांसद राम स्वरुप शर्मा द्वारा कांग्रेस कार्यकाल में स्थापित एसआरएल लैब पर उठाए सवाल पर उन्हें इसकी जांच करवाने की सलाह दी।
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