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सिरमौर , 12 अगस्त [ विशाल सूद ] ! पांवटा सहिब के सिरमौरी ताल गांव में बादल फटने ने बाद मलबे में डूबे एक परिवार के सभी 5 सदस्यों के शव बरामद हो गए हैं। दो दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आज 3 शव बरामद हुए। जबकि एक बुजुर्ग और बच्चे का शव पिछले कल बरामद हो गया था। बुधवार की रात को पहाड़ पर मालगी के समीप बादल फटने से सिरमौरी ताल गांव में भारी मलबा आ गया था। जिसमे एक घर पूरी तरह से मलबे में डूब गया था। 2 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिर सिरमौरी ताल गांव में मलबे में दफन परिवार के 5 लोगों के शवों को निकाल लिया गया है। शवों को निकालने के लिए पिछले 2 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। आज रेस्क्यू के दूसरे दिन 3 शब्द बरामद किए गए। दरअसल पिछले बुधवार को यहां मालगी वन क्षेत्र के जंगल में बादल फटा था जिसके बाद सैलाब पहाड़ से नीचे नदी के किनारे की तरफ बढ़ा। सैलाब के साथ लाखों टन मिट्टी और हजारों पेड़ निचले क्षेत्रों में पहुंचे मलबे से सिरमौरी ताल गांव में तबाही मच गई थी। यहां स्थानीय निवासी कुलदीप सिंह का घर मलबे के नीचे दब गया था। जिस समय घटना हुई उस समय घर के अंदर परिवार के 5 लोग मौजूद थे। हालांकि घटना के कुछ ही समय बाद परिवार के मलबे के नीचे दबने का पता चल गया था। मगर अंधेरा और मलबे की मात्रा बहुत अधिक होने के कारण रात्रि के समय रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चल पाया था। वीरवार और शुक्रवार को बड़ी मशीनों के साथ मौके पर घर के आसपास खुदाई की गई। खुदाई के दौरान वीरवार को 8 साल की बच्ची और बुजुर्ग दादा के शव बरामद हो गए थे। मगर परिवार के 3 लोगों के शव नहीं मिल पाए थे। लिहाजा शुक्रवार को फिर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। शाम के वक्त कई मशीनों से खुदाई के बाद 1 बच्चा उसकी मां और एक बुजुर्ग महिला के शव को बरामद किया गया। स्थानीय प्रशासन के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण रहा तो वहीं रुक रुक कर बारिश होती रही। जिसकी वजह से कीचड़ की तादाद में इजाफा होता रहा। मगर प्रशासन ने हार नहीं मानी और आखिर 2 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे परिवार के सभी 5 लोगों के शव बरामद कर लिए गए। रेस्क्यू की सफलता के बाद स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी ने रेस्क्यू में जुटी राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों और स्थानीय वॉलिंटियर्स का धन्यवाद किया। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार को चल उचित राहत प्रदान की जाए और बाढ़ से गांव में हुए नुकसान की भरपाई की जाए। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सिरमौर , 12 अगस्त [ विशाल सूद ] ! पांवटा सहिब के सिरमौरी ताल गांव में बादल फटने ने बाद मलबे में डूबे एक परिवार के सभी 5 सदस्यों के शव बरामद हो गए हैं। दो दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आज 3 शव बरामद हुए। जबकि एक बुजुर्ग और बच्चे का शव पिछले कल बरामद हो गया था।
बुधवार की रात को पहाड़ पर मालगी के समीप बादल फटने से सिरमौरी ताल गांव में भारी मलबा आ गया था। जिसमे एक घर पूरी तरह से मलबे में डूब गया था।
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2 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिर सिरमौरी ताल गांव में मलबे में दफन परिवार के 5 लोगों के शवों को निकाल लिया गया है। शवों को निकालने के लिए पिछले 2 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। आज रेस्क्यू के दूसरे दिन 3 शब्द बरामद किए गए।
दरअसल पिछले बुधवार को यहां मालगी वन क्षेत्र के जंगल में बादल फटा था जिसके बाद सैलाब पहाड़ से नीचे नदी के किनारे की तरफ बढ़ा। सैलाब के साथ लाखों टन मिट्टी और हजारों पेड़ निचले क्षेत्रों में पहुंचे मलबे से सिरमौरी ताल गांव में तबाही मच गई थी। यहां स्थानीय निवासी कुलदीप सिंह का घर मलबे के नीचे दब गया था।
जिस समय घटना हुई उस समय घर के अंदर परिवार के 5 लोग मौजूद थे। हालांकि घटना के कुछ ही समय बाद परिवार के मलबे के नीचे दबने का पता चल गया था। मगर अंधेरा और मलबे की मात्रा बहुत अधिक होने के कारण रात्रि के समय रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चल पाया था। वीरवार और शुक्रवार को बड़ी मशीनों के साथ मौके पर घर के आसपास खुदाई की गई। खुदाई के दौरान वीरवार को 8 साल की बच्ची और बुजुर्ग दादा के शव बरामद हो गए थे।
मगर परिवार के 3 लोगों के शव नहीं मिल पाए थे। लिहाजा शुक्रवार को फिर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। शाम के वक्त कई मशीनों से खुदाई के बाद 1 बच्चा उसकी मां और एक बुजुर्ग महिला के शव को बरामद किया गया।
स्थानीय प्रशासन के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण रहा तो वहीं रुक रुक कर बारिश होती रही। जिसकी वजह से कीचड़ की तादाद में इजाफा होता रहा। मगर प्रशासन ने हार नहीं मानी और आखिर 2 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे परिवार के सभी 5 लोगों के शव बरामद कर लिए गए।
रेस्क्यू की सफलता के बाद स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी ने रेस्क्यू में जुटी राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों और स्थानीय वॉलिंटियर्स का धन्यवाद किया।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार को चल उचित राहत प्रदान की जाए और बाढ़ से गांव में हुए नुकसान की भरपाई की जाए।
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