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शिमला ,15 जनवरी [ विशाल सूद ] ! चुनावी वर्ष में हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार घर द्वार जाकर लोगों की समस्या का समाधान करने जा रही है।17 जनवरी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने गृह विधान सभा क्षेत्र कर गांव गलोड से "सरकार गांव के द्वार"कार्यक्रम का आगाज़ करेंगे और मौके पर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा। सभी मंत्री, सीपीएस 12 जिलों के एक एक गांव में जाएंगे, जन समस्यायों को सुनेंगे और निपटारा करेंगे। शिमला में पत्रकार वार्ता कर बागवानी व राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि 12 फरवरी तक सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम चलेगा जिसमें सरकार गांव स्तर पर लोगों से संवाद और लोगों की समस्याओं का निपटारा किया जाएगा। प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्र में एक सप्ताह के अंदर समस्याओं का निपटारा करेंगे। जगत नेगी ने कहा हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है राज्य सरकार आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए सरकार संसाधन जुटाने का प्रयास कर रही है।केंद्र सरकार ने हिमाचल के साथ पिछले 1 साल से सौतेला व्यवहार किया है जहां आपदा के लिए लगभग 10 हजार करोड़ की मांग की गई थी वहीं 633 करोड रुपए की केवल एनडीआरएफ के तहत दिया गया है। वाटर सेस में केंद्र सरकार अड़ंगा डाल रही है जबकि वाटर सेस सिक्किम, जम्मू कश्मीर जैसे कई राज्यों में लागू है।
शिमला ,15 जनवरी [ विशाल सूद ] ! चुनावी वर्ष में हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार घर द्वार जाकर लोगों की समस्या का समाधान करने जा रही है।17 जनवरी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने गृह विधान सभा क्षेत्र कर गांव गलोड से "सरकार गांव के द्वार"कार्यक्रम का आगाज़ करेंगे और मौके पर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा। सभी मंत्री, सीपीएस 12 जिलों के एक एक गांव में जाएंगे, जन समस्यायों को सुनेंगे और निपटारा करेंगे।
शिमला में पत्रकार वार्ता कर बागवानी व राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि 12 फरवरी तक सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम चलेगा जिसमें सरकार गांव स्तर पर लोगों से संवाद और लोगों की समस्याओं का निपटारा किया जाएगा। प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्र में एक सप्ताह के अंदर समस्याओं का निपटारा करेंगे।
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जगत नेगी ने कहा हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है राज्य सरकार आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए सरकार संसाधन जुटाने का प्रयास कर रही है।केंद्र सरकार ने हिमाचल के साथ पिछले 1 साल से सौतेला व्यवहार किया है जहां आपदा के लिए लगभग 10 हजार करोड़ की मांग की गई थी वहीं 633 करोड रुपए की केवल एनडीआरएफ के तहत दिया गया है। वाटर सेस में केंद्र सरकार अड़ंगा डाल रही है जबकि वाटर सेस सिक्किम, जम्मू कश्मीर जैसे कई राज्यों में लागू है।
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