
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! हिमाचल प्रदेश में टैक्सी चालकों को रोटी खाने के पड़ रहे लाले। आर्थिकी संकट के साथ साथ फिर से कोरोना का डर लगा सताने । हिमाचल में टैक्सी चालकों को कोरोना संकट से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टैक्सी चालकों को दो वक्त की रोटी खाने की चिंता होने लगी है। लॉकडॉउन खुलने के बाद जहां पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट रहा था लेकिन फिर से टैक्सी चालकों के कारोबार पर संकट के बादल छाने लगे है। टैक्सी चालकों की आर्थिकी संकट के साथ साथ कोरोना का डर सताने लगा है। जैसे कोरोना के हालात हैं। उससे टैक्सी चालक भी चिंतित हो गए हैं। ऐसा लग रहा है कि पिछले साल की तरह ही कहीं इस साल भी टैक्सियां न चले। ऐसी स्थिति में टैक्सी चालक भारी परेशानी से गुजर सकते हैं। टैक्सी चालकों की मानें तो उनके लिए परिवार पालना मुश्किल हो गया है। एक तरफ लोन की किश्तें देने को है। तो दूसरी ओर काम नहीं चल रहा है। इस वजह टैक्सी चालक आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। टेक्सी चालकों का कहना है कि एक तरफ सरकार टैक्स पर टैक्स थोप रही है तो दूसरी ओर कोई राहत भी सरकार नहीं दे रही है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि टैक्सी चालकों को राहत दी जानी चाहिए।
शिमला ! हिमाचल प्रदेश में टैक्सी चालकों को रोटी खाने के पड़ रहे लाले। आर्थिकी संकट के साथ साथ फिर से कोरोना का डर लगा सताने । हिमाचल में टैक्सी चालकों को कोरोना संकट से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टैक्सी चालकों को दो वक्त की रोटी खाने की चिंता होने लगी है। लॉकडॉउन खुलने के बाद जहां पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट रहा था लेकिन फिर से टैक्सी चालकों के कारोबार पर संकट के बादल छाने लगे है। टैक्सी चालकों की आर्थिकी संकट के साथ साथ कोरोना का डर सताने लगा है। जैसे कोरोना के हालात हैं। उससे टैक्सी चालक भी चिंतित हो गए हैं। ऐसा लग रहा है कि पिछले साल की तरह ही कहीं इस साल भी टैक्सियां न चले। ऐसी स्थिति में टैक्सी चालक भारी परेशानी से गुजर सकते हैं। टैक्सी चालकों की मानें तो उनके लिए परिवार पालना मुश्किल हो गया है। एक तरफ लोन की किश्तें देने को है। तो दूसरी ओर काम नहीं चल रहा है। इस वजह टैक्सी चालक आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। टेक्सी चालकों का कहना है कि एक तरफ सरकार टैक्स पर टैक्स थोप रही है तो दूसरी ओर कोई राहत भी सरकार नहीं दे रही है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि टैक्सी चालकों को राहत दी जानी चाहिए।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -