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शिमला ! हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक पांच फरवरी को होगी। इसमें आगामी बजट सत्र की तिथियां तय हो सकती हैं। इसके अलावा कई अन्य कोरोना नियंत्रण से संबंधित निर्णय भी होंगे। प्रदेश में एक फरवरी से खुले स्कूलों में कोरोना की स्थिति को लेकर समीक्षा हो सकती है। राज्य के बजट अभिभाषण को लेकर कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। बता दें हिमाचल प्रदेश के लाखों सेब बागवानों को केंद्रीय बजट से बड़ी राहत मिली है। दशक पुरानी मांग को पूरा करते हुए पहली बार विदेशों से आने वाले सेब पर 35 फीसदी कृषि सेस लगाने की घोषणा की गई है। सेस लगने से विदेशी सेब का भारत की फल मंडियों में आयात घट जाएगा, जिससे हिमाचली सेब के दाम बढ़ जाएंगे। अमेरिका, ईरान, तुर्की समेत करीब 40 देशों से भारत में सेब आयात होता है। ट्रेड वॉर के बीच पहले से ही अमेरिकी सेब पर 70 फीसदी आयात शुल्क लगाया गया है। अब 35 फीसदी सेस के बाद कुल शुल्क 105 फीसदी हो जाएगा। इससे वर्तमान में सबसे ज्यादा आने वाले वॉशिंगटन सेब को भारत पहुंचाना महंगा सौदा साबित होगा।
शिमला ! हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक पांच फरवरी को होगी। इसमें आगामी बजट सत्र की तिथियां तय हो सकती हैं। इसके अलावा कई अन्य कोरोना नियंत्रण से संबंधित निर्णय भी होंगे। प्रदेश में एक फरवरी से खुले स्कूलों में कोरोना की स्थिति को लेकर समीक्षा हो सकती है। राज्य के बजट अभिभाषण को लेकर कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। बता दें हिमाचल प्रदेश के लाखों सेब बागवानों को केंद्रीय बजट से बड़ी राहत मिली है। दशक पुरानी मांग को पूरा करते हुए पहली बार विदेशों से आने वाले सेब पर 35 फीसदी कृषि सेस लगाने की घोषणा की गई है। सेस लगने से विदेशी सेब का भारत की फल मंडियों में आयात घट जाएगा, जिससे हिमाचली सेब के दाम बढ़ जाएंगे।
अमेरिका, ईरान, तुर्की समेत करीब 40 देशों से भारत में सेब आयात होता है। ट्रेड वॉर के बीच पहले से ही अमेरिकी सेब पर 70 फीसदी आयात शुल्क लगाया गया है। अब 35 फीसदी सेस के बाद कुल शुल्क 105 फीसदी हो जाएगा। इससे वर्तमान में सबसे ज्यादा आने वाले वॉशिंगटन सेब को भारत पहुंचाना महंगा सौदा साबित होगा।
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