- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की मेधावी दिव्यांग पीएचडी छात्रा सवीना जहां को नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 'गुरु अन्तर्राष्ट्रीय शोधार्थी रत्न' सम्मान प्रदान किया गया है। उन्होंने वहां दो संगोष्ठीयों में इंडोनेशिया की रामायण ककविन और भारत की रामचरितमानस के विभिन्न पक्षों पर दो शोधपत्र पढ़े। श्रीराम कथा के वैश्विक स्वरूप पर उनके गहन अध्ययन को विद्वानों ने काफी सराहा। प्रदेश विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल, प्रति कुलपति प्रो. ज्योति प्रकाश और अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल के साथ ही हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. पान सिंह ने सवीना जहां को इस अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उनका कहना है कि इस छात्रा ने न सिर्फ हिंदी विभाग और विश्वविद्यालय बल्कि पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। सवीना जहां विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में जूनियर रिसर्च फेलो हैं और सहायक प्रोफेसर डॉ. वीरेंद्र सिंह के निर्देशन में सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में इंडोनेशियाई रामायण ककविन और रामचरितमानस के तुलनात्मक अध्ययन पर पीएचडी कर रही हैं। यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका बोहल शोध मंजूषा, यूक्रेन के इंडो यूरोपियन लिटरेरी डिस्कोर्स और गुरु फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में दिया गया। प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि सवीना जहां इंडोनेशिया की रामायण पर पीएचडी के लिए शोध करने वाली हिमाचल की पहली शोधार्थी हैं। उन्होंने कहा आज देश भर में जिस प्रकार से जिहाद छेड़ने के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र चल रहे हैं और देवी देवताओं का अपमान किया जा रहा है, ऐसे में एक मुस्लिम छात्रा का श्रीराम पर गहन अध्ययन एवं शोध कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह छात्रा सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है और प्राचीन हिंदू संस्कृति के प्रति उसके मन में बहुत सम्मान है। यह आज के दौर में दुर्लभ है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -